नई दिल्ली: अफ्रीकी देश नामीबिया, जो अपने समृद्ध वन्य जीव और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है, इस समय भयंकर सूखे की चपेट में है। यह सूखा सदी का सबसे बुरा माना जा रहा है, जिसने देश के 84% खाद्य भंडार को तबाह कर दिया है। इस संकट की वजह से देश की 2.5 मिलियन आबादी में से लगभग आधी जनसंख्या भुखमरी के कगार पर पहुंच गई है।

सरकार का कड़ा फैसला

इस भयावह स्थिति से निपटने के लिए नामीबिया की सरकार ने एक कठोर कदम उठाया है। सरकार ने अपने लोगों को मांस उपलब्ध कराने के लिए 700 से अधिक जंगली जानवरों को मारने का निर्णय लिया है। इस सूची में हाथी, ज़ेबरा, दरियाई घोड़े और भैंस जैसे बड़े जानवर शामिल हैं। अब तक 150 से अधिक जानवर मारे जा चुके हैं, जिनसे लगभग 63 टन मांस सूखा प्रभावित इलाकों में भेजा गया है।

जिंदा रहने के लिए 700 जानवरों की बलि लेगा ये देश, जानें क्या है पूरा मामला  - Hindi News | Namibia govt to kill more than 700 animals including  elephants and hipposजिंदा रहने के लिए 700 जानवरों की बलि लेगा ये देश, जानें क्या है पूरा मामला  - Hindi News | Namibia govt to kill more than 700 animals including  elephants and hippos

क्यों मारने पड़ रहे हैं इतने जानवर?

नामीबिया के वन, पर्यावरण और पर्यटन मंत्रालय के अनुसार, यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि सूखे से प्रभावित वन्यजीवों की संख्या को नियंत्रित किया जा सके। सरकार का मानना है कि कुछ जानवरों को मारने से जंगलों में बचे जानवरों के लिए भोजन और पानी की उपलब्धता बढ़ेगी। इससे मानव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष की संभावनाओं को भी कम किया जा सकेगा।

सूखे का कारण और इसके परिणाम

नामीबिया दक्षिणी अफ्रीका में स्थित है और यह क्षेत्र अक्सर प्राकृतिक आपदाओं का सामना करता है। 2023 में अल नीनो के कारण यहां का तापमान बढ़ गया और बारिश में भारी कमी आई, जिससे सूखे की स्थिति और भी गंभीर हो गई। सूखे के कारण पेड़-पौधे और वनस्पतियां सूख गईं, जिससे वन्यजीवों के लिए भोजन की कमी हो गई।

सूखे का मानव जीवन पर प्रभाव

इस सूखे का सबसे बुरा असर नामीबिया की ग्रामीण आबादी पर पड़ा है, जो कृषि और पशुपालन पर निर्भर करती है। सूखे की वजह से मवेशियों की भारी संख्या में मौत हो रही है और खाद्य पदार्थों की कीमतें आसमान छू रही हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, 1.2 मिलियन लोग इस समय गंभीर खाद्य संकट का सामना कर रहे हैं। खासकर पांच साल से कम उम्र के बच्चों में कुपोषण की समस्या गंभीर हो गई है।

नामीबिया की स्थिति बेहद चिंताजनक है। जहां एक ओर लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वन्यजीवों की बलि देकर इस संकट से निपटने की कोशिश की जा रही है। यह एक चुनौतीपूर्ण समय है, जिसमें इंसान और जानवर दोनों की जिंदगी दांव पर लगी हुई है।

 

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