नई दिल्ली। तुर्की और सीरिया में भूकंप की वजह से हालात बदतर हो गए हैं। दोनों देशों में अब तक 4300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जहां तुर्की में 2921 लोगों की जान जा चुकी है, वहीं सीरिया में 1444 लोगों के मारे जाने की खबर है। दोनों देशों में 20000 से […]
नई दिल्ली। तुर्की और सीरिया में भूकंप की वजह से हालात बदतर हो गए हैं। दोनों देशों में अब तक 4300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जहां तुर्की में 2921 लोगों की जान जा चुकी है, वहीं सीरिया में 1444 लोगों के मारे जाने की खबर है। दोनों देशों में 20000 से ज्यादा लोग भूकंप की वजह से घायल हुए हैं।
शक्तिशाली भूकंप के तीन बड़े झटकों के 24 घंटे बाद भी यहां लाशों के मिलने का सिलसिला जारी है। राहत और बचाव दल अभी भी बड़ी-बड़ी इमारतों के मलबों के नीचे जिंदगियां तलाश रहे हैं। जैसे ही किसी के जिंदा होने की खबर मिलती है तो उसे बचाने की कोशिश में तुरंत रेस्क्यू टीम जुट जाती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भूकंप की वजह से तुर्की के दक्षिण पूर्वी शहरों में 3,400 से ज्यादा इमारतें गिर गई हैं। तुर्की में भूकंप से अब तक 2300 लोगों की जान जा चुकी है, वहीं सीरिया में करीब 1500 लोग मारे गए हैं। बता दें कि तीन बड़े भूकंप के झटकों के साथ ही 78 आफ्टर शॉक्स भी दर्ज किए गए हैं। जिनकी तीव्रता 4 से 5 दर्ज की गई।
बता दें कि इस शक्तिशाली भूकंप से तुर्की के अंकारा, गाजियांटेप, कहरामनमारस, डियर्बकिर और नूरदगी शहर समेत 10 शहरों में भारी तबाही हुई है। खबरों के मुताबिक तुर्की में कुल 1,710 से ज्यादा बिल्डिंग गिरी है। कई लोग अभी मलबे के नीचे दबे हैं। फिलहाल लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
इस भूकंप का केंद्र तुर्की का गाजियांटेप शहर था। यह शहर सीरिया बॉर्डर से करीब 90 किलोमीटर दूर है। इसी वजह से सीरिया में भी भूकंप से काफी तबाही हुई है। सीरिया के दमिश्क, अलेप्पो, हमा, लताकिया समेत कई शहरों में भूकंप की वजह से इमारतें गिरने की खबर है।
तुर्की के उपराष्ट्रपति फुआत ओक्ते के दफ्तर की तरफ से जारी एक बयान के मुताबिक देश के 10 शहरों में इमरजेंसी और रेड अलर्ट जारी रहेगा। एक हफ्ते तक सभी स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे। 200 से ज्यादा फ्लाइट्स को रद्द कर दिया गया है। मिलिट्री के लिए एयर कॉरिडोर बनाया जा रहा है, जिसमें सिर्फ एयरक्राफ्ट को लैंड और टेकऑफ करने की मंजूरी दी जाएगी।
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