नई दिल्ली। तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। दोनों देशों में अब तक 21 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इमारतों के मलबे से लोगों की लाशें निकलने का सिलसिला जारी है। विनाशकारी भूकंप ने कई परिवारों को ही खत्म कर दिया है। […]
नई दिल्ली। तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। दोनों देशों में अब तक 21 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इमारतों के मलबे से लोगों की लाशें निकलने का सिलसिला जारी है। विनाशकारी भूकंप ने कई परिवारों को ही खत्म कर दिया है। हजारों की संख्या में लोग अस्पताल में भर्ती हैं।
बता दें कि तुर्की और सीरिया के भूंकप प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। अभी भी कई लोगों के मलबे में दबे होने की संभावना है। जैसे-जैसे वक्त बीतता जा रहा है कि लोगों के जिंदा मिलने की उम्मीदें कम होती जा रही है। इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि अगर मलबे में कुछ लोग जिंदा बचे भी होंगे तो वो इन चार दिनों में भूख, प्यास और ठंड की वजह से मर गए होंगे।
गौरतलब है कि भयंकर भूकंप की चपेट में आए तुर्की की मदद के लिए 70 से ज्यादा देश सामने आए हैं। भारत ने भी तुर्की को ऑपरेशन दोस्त के तहत विशेष सहायता भेजी है। भारत की तरफ से NDRF की 3 टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तुर्की पहुंच चुकी हैँ। इनमें विशेष रेस्क्यू डॉग स्क्वायड भी शामिल हैं। इसके साथ ही भारतीय सेना की मेडिकल टीम भी तुर्की पहुंच गई है। सेना ने हताए शहर में फील्ड अस्पताल बनाया है, जहां पर घायलों को इलाज किया जा रहा है।
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