Moon Mission Timeline: भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो, ISRO चंद्रयान 2 का प्रक्षेपण करने जा रही है. इससे पहले भारत की ओर से चंद्रमा पर सफलतापूर्वक चंद्रयान 1 भेजा गया था. हालांकि इससे पहले अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और रूस की स्पेस एजेंसी लेवोकिन ने भी चंद्रमा पर सफलतापूर्वक स्पेसक्राफ्ट का प्रक्षेपण किया. नील आर्मस्ट्रांग चांद की सतह पर कदम रखने वाले पहले इंसान थे. नासा ने अब तक चंद्रमा पर कुल 6 मानव मिशन लॉन्च किए और सभी मिशन सफल रहे. जानिए चंद्रमा पर अब तक हुए सफल मिशन की पूरी लिस्ट.
नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रयान-2 के जरिए फिर इतिहास रचने की ओर अपने कदम बढ़ा रहा है. चंद्रयान 2 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारा जाएगा. इस ध्रुव पर अभी तक कोई भी यान नहीं पहुंचा है. इससे पहले भारत ने 2008 में चंद्रमा पर चंद्रयान-1 भेजा था और वह मिशन भी सफल हुआ था. वहीं अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने चंद्रमा पर पहली बार इंसान भेजकर इतिहास रच दिया था. अपोलो 11 के जरिए नील आर्मस्ट्रॉंग ने पहली बार चांद की सतह पर कदम रखा. इसके बाद नासा ने 5 और चंद्रमा पर मानव मिशन लॉन्च किए. अमेरिका के अलावा रूस और चीन भी अपने स्पेसक्राफ्ट चांद पर भेज चुके हैं. यहां जानिए चंद्रमा पर सफलतापूर्वक लॉन्च किए गए स्पेसक्राफ्ट की पूरी लिस्ट.
List of Successful Missions to Moon- चंद्रमा पर सफलतापूर्वक लॉन्च किए गए प्रमुख स्पेसक्राफ्ट-
1. पाइनर 4 (Pinoeer 4) – 3 मार्च 1959 को अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने पाइनर 4 स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च किया. यह पहला ऐसा स्पेसक्राफ्ट था जो चांद के करीब पहुंचा. अमेरिका ने इससे पहले चांद पर अंतरिक्ष यान भेजने की 12 बार कोशिश की लेकिन वे मिशन सफल नहीं हो पाए. हालांकि पाइनर 4 चांद से करीब 58 हजार किलोमीटर की दूरी तक ही पहुंच सका, लेकिन सतह की फोटो नहीं ले सका. यह स्पेसक्राफ्ट अभी भी सूर्य की कक्षा में मौजूद है.
2. लूना 2 (Luna 2) – 12 सितंबर 1959 को सोवियत संघ (रूस) की स्पेस एजेंसी ओकेबी – 1 ने लूना-2 स्पेस्क्राफ्ट लॉन्च किया. चांद की सतह के करीब पहुंचने वाला यह पहला स्पेसक्राफ्ट था. लूना 2 में सोवियत संघ का इजाद किया हुआ सबसे पावरफुल रॉकेट लूना लगा था.
3. लूना 3 (Luna 3) – लूना 2 की सफल लॉन्चिंग के बाद ओकेबी-1 ने लूना प्रोग्राम के तहत 4 अक्टूबर 1959 को एक और स्पेसक्राफ्ट लूना 3 को लॉन्च किया. लूना 3 ने चांद के फोटोग्राफ भी लिए लेकिन उनकी क्वालिटी अच्छी नहीं थी. हालांकि चांद के इतने करीब से फोटो पहले कभी नहीं लिए गए थे, इसलिए ये फोटोज दुनियाभर में फैल गए और सब जगह पब्लिश हुए.
4. रेंजर 7 (Ranger 7) – 28 जुलाई 1964 को नासा ने एटलस एलवी-3 एजेना बी रॉकेट के जरिए रेंजर 7 मून मिशन को लॉन्च किया. यह अमेरिका का पहले स्पेसक्राफ्ट था जिसने चांद की सतह की करीब से तस्वीरें ली और धरती पर भेजी. नासा के रेंजर प्रोग्राम के अंतर्गत यह पहला स्पेसक्राफ्ट था जिसकी सफलतम लॉन्चिंग हुई. रेंजर 7 ने चांद से 4,300 तस्वीरें लीं.
5. रेंजर 8 (Ranger 8)- 17 फरवरी 1965 को नासा ने रेंजर प्रोग्राम के तहत एक और स्पेसक्राफ्ट चांद पर भेजा. रेंजर 7 की तरह इसमें भी एटलस एलवी-3 एजेना-बी रॉकेट लगा था. यह स्पेसक्राफ्ट 20 फरवरी 1965 को चांद पर पहुंचा. रेंजर 8 ने चांद पर क्रैश होने से पहले सतह की 7,137 तस्वीरें भेजीं.
6. रेंजर 9 (Ranger 9) – 21 मार्च 1965 को रेंजर प्रोग्राम के तहत एक और स्पेसक्राफ्ट की सफल लॉन्चिंग की. रेंजर 24 मार्च 1965 को चांद के करीब पहुंचा. नासा के इस स्पेसक्राफ्ट ने चांद की सतह की हाई रेजोल्यूशन फोटोज ली और पृथ्वी पर भेजी. इन फोटोज को अमेरिका में टीवी चैनल पर लाइव टेलीकास्ट किया गया.
7. जोंड 3 (Zond 3) – रूस (तत्कालीन सोवियत संघ) की स्पेस एजेंसी लेवोकिन ने 18 जुलाई 1965 में जोंड 3 स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च किया. जोंड 3 में मोलनिया रॉकेट लगा था. यह स्पेसक्राफ्ट 20 जुलाई 1965 को चांद की सतह के करीब पहुंचा. जोंड 3 ने चांद की सतह की कई बढ़िया तस्वीरें पृथ्वी पर भेजी.
8. लूना 9 (Luna 9) – लेवोकिन ने 31 जनवरी 1966 को लूना 9 स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किया. यह पहला ऐसा स्पेसक्राफ्ट था जिसने चांद पर सफलतापूर्वक लैंड किया, यानी कि लूना 9 दुनिया का पहला सफलतम लैंडर लूनर मिशन था. इसमें मोलनिया-एम रॉकेट लॉन्चर लगा था.
9. लूना 10 (Luna 10) – लूना 9 की सफलता के बाद रूस ने चांद पर एक और ऑर्बिटर लॉन्च किया. लूना 10 स्पेसक्राफ्ट को लेवोकिन ने 31 मार्च 1966 को लॉन्च किया. यह पहला स्पेसक्राफ्ट था जो चांद की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हुआ. लूना 10 चांद की कक्षा में 3 अप्रैल 1966 को पहुंचा.
10. सर्वेयर 1 (Surveyor 1) – 30 मई 1966 को नासा ने सर्वेयर 1 लैंडर स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किया. इसमें एटलस सेचुअर रॉकेट लॉन्चर लगा था. सर्वेयर 1 ने 2 जून 1966 को चांद पर लैंड किया. नासा ने इस स्पेसक्राफ्ट से अपने अपोलो मिशन (चांद पर पहला मानव मिशन) के लिए डेटा इकट्ठा किया.
11. लूना 12 (Luna 12) – रूस की लेवोकिन स्पेस एजेंसी ने 22 अक्टूबर 1966 को लूना 12 स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किया. इसमें एक ऑर्बिटर और मोलनिया एम रॉकेट लॉन्चर लगा था. लूना 12 ने 25 अक्टूबर 1966 को चांद की कक्षा में प्रवेश किया और वहां से महत्वपूर्ण जानकारियां भेजी.
12. लूनर ऑर्बिटर 2 (Lunar Orbiter 2) – नासा ने 6 नवंबर 1966 को ऑर्बिटर के साथ लूनर ऑर्बिटर 2 स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किया. इस स्पेसक्राफ्ट ने चांद पर नासा के फोटोग्राफिक मैपिंग मिशन की शुरुआत की. 10 नवंबर 1966 को यह चांद की कक्षा में पहुंचा और 11 अक्टूबर 1967 को अपना मिशन पूरा कर लूनर ऑर्बिटर 2 क्रैश हो गया.
13. लूना 13 (Luna 13)- 21 दिसंबर 1966 को लेवोकिन ने लूना 13 स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च किया. इसमें एक लैंडर लगा था जो कि 24 दिसंबर 1966 को चांद की सतह पर लैंड किया. लूना 13 ने चांद की सतह और वहां की मिट्टी की कई तस्वीरें पृथ्वी पर भेजी.
14. जोंड 5 (Zond 5) – रूस की स्पेस एजेंसी लेवोकिन ने 14 सितंबर 1968 को लूनर मिशन लॉन्च किया. इस स्पेसक्राफ्ट में पहली बार दो कछुए और अन्य जीवाष्म चांद पर भेजे गए. जोंड 5 स्पेसक्राफ्ट 18 सितंबर 1968 को चांद से करीब 1750 किलोमीटर करीब पहुंचा. जोंड 5 ने चांद का चक्कर लगाया और पृथ्वी पर लौट गया. यह दुनिया का पहला स्पेसक्राफ्ट था जो चंद्रमा का चक्कर लगाकर पृथ्वी पर पुनः लौटा. जोंड 5 ने 21 सितंबर को हिंद महासागर में लैंड किया.
15. अपोलो 8 (Apollo 8) – नासा ने 21 दिसंबर 1968 को चांद की कक्षा में पहला मानव मिशन लॉन्च किया. इस स्पेसक्राफ्ट में तीन क्रू मेंबर- फ्रैंक बोर्मेन, जेम्स लोवेल और विलियम एंडर्स थे. ये तीनों दुनिया के पहले यात्री थे जो चंद्रमा की यात्रा की. 25 दिसंबर को अपोलो 8 तीनों यात्रियों के साथ पृथ्वी पर लौटा और प्रशांत महासागर में लैंड हुआ.
List of Succesful Human Missions to Moon: चांद पर मानव मिशन का इतिहास-
1. अपोलो 11 (Apollo 11) – नासा के अपोलो 11 स्पेसक्राफ्ट ने मानव को चांद की सतह पर भेज कर इतिहास रच दिया. अपोलो 11 को 16 जुलाई 1969 को लॉन्च किया गया. अपोलो 11 ने 20 जुलाई 1969 को चांद की सतह पर लैंड किया. नील आर्मस्ट्रॉन्ग चांद की सतह पर कदम रखने वाले पहले मानव बने. उनके साथ अंतरिक्ष यान में मौजूद बज एल्ड्रिन ने भी चांद पर कदम रखा. दोनों ने चांद पर सवा दो घंटे बिताए और अपने साथ चांद की सतह से कई तरह के पदार्थ लेकर लौटे.
2. अपोलो 12 (Apollo 12) – अपोलो 11 की सफलता के चार महीने बाद नासा ने 14 नवंबर 1969 को फिर से अपोलो 12 लॉन्च किया. अपोलो 12 में चांद पर गए चार्ल्स पेटे कोनार्ड और एलेन एल बीन ने चंद्रमा की सतह पर एक दिन और 7 घंटे बिताए. दोनों अपने साथ कलर्ड टीवी कैमरा लेकर गए लेकिन वह काम नहीं कर पाया. इसके बाद 24 नवंबर को इसकी पृथ्वी पर सफलतम लैंडिंग हुई.
3. अपोलो 14 (Apollo 14) – अपोलो 14 को नासा ने 31 जनवरी 1971 को अपोलो 14 लॉन्च किया. इस स्पेसक्राफ्ट में अलेन शेपर्ड, स्टूअर्ट रूजा और एडगर मिशेल मौजूद थे. शेफर्ड और मिशेल ने 5 फरवरी 1971 को चांद की सतह पर कदम रखा. चांद से उन्होंने चट्टानों के अवशेष लिए, जिन पर बाद में कई वैज्ञानिक प्रयोग किए गए. 9 फरवरी को यह स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी पर लौटा और सभी कमांडर्स ने प्रशांत महासागर में लैंडिंग की.
4. अपोलो 15 (Apollo 15) – नासा ने 26 जुलाई 1971 को चांद की सतह पर पहुंचने वाला चौथा मानव मिशन लॉन्च किया. अपोलो 15 के कमांडर डेविड स्कॉट और जेम्स इरविन ने 30 जुलाई 1971 को चांद की सतह पर लैंड किया. स्कॉट और इरविन अपने साथ चांद से जेनेसिस चट्टान लेकर आए और उस पर कई परीक्षण किए. 7 अगस्त 1971 को अपोलो 15 का मिशन पूरा हुआ.
5. अपोलो 16 (Apollo 16) – अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने 16 अप्रैल 1972 को अपोलो 16 मानव मिशन लॉन्च किया. अपोलो 16 के कमांडर जॉन योंग और चार्ल्स ड्यूक ने चांद की सतह पर 71 घंटे बिताए. दोनों यात्रियों ने चांद की सतह से 95.8 किलोग्राम के पदार्थ इकट्ठा किए और पृथ्वी पर लेकर आए. इसके बारे में 27 अप्रैल 1972 को यह मिशन पूरा हुआ.
6. अपोलो 17 ( Apollo 17) – नासा ने अपने अपोलो प्रोग्राम के तहत 7 दिसंबर 1972 को अपोलो 17 स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किया. इस यान में इ्यूगेने सेरनान और हैरिसन शिमिट और रोनाल्ड इवेन्स मौजूद रहे. सेरनान और शिमिट ने चांद की सतह पर कदम रखा और वहां से कई तरह के सैंपल इकट्ठा किए. 19 दिसंबर 1972 को यह मिशन पूरा हुआ और तीनों यात्री सकुशल पृथ्वी पर लौटे. अपोलो 17 चंद्रमा पर आखिरी मानव मिशन था. इसके बाद कोई भी मानव चांद की सतह पर नहीं गया.
चंद्रयान-1 के जरिए भारत ने पहली बार चांद पर भेजा अपना यान-
भारत की स्पेस एजेंसी इसरो ने अक्टूबर 2008 में चंद्रयान-1 मिशन लॉन्च किया. 22 अक्टूबर 2008 को चंद्रयान-1 ने श्रीहरिकोटा से उड़ान भरी. इस यान में पीएसएलवी-एक्सएल रॉकेट लगा था. चंद्रयान 1 की सफलता से अमेरिका, रूस और चीन के बाद चंद्रमा पर अपना झंडा फहराने वाला भारत चौथा देश बन गया. चंद्रयान 1 ने चंद्रमा की सतह पर मौजूद पानी खोजने का काम किया. यह मिशन 10 महीने और 6 दिन चला और इसमें करीब 386 करोड़ रुपये का खर्च आया.