नई दिल्ली। पिछले कई दिनों की सियासी उठापटक के बाद पड़ोसी देश बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन होने वाला है। नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार का नेतृत्व करेंगे। राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन की अध्यक्षता में बंगा भवन (राष्ट्रपति भवन) में हुई मीटिंग के दौरान यह फैसला लिया गया कि कमान मोहम्मद यूनुस को सौंपी जाएं। प्रदर्शनकारी छात्रों ने भी मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार के नेतृत्वकर्ता के रूप में स्वीकार कर लिया। इस मीटिंग में आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व करने वाले छात्र नेताओं के अलावा तीनों सेनाओं के प्रमुख भी शामिल हुए थे।
मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश में ‘गरीबों के बैंकर’ के रूप में मशहूर हैं। अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में वो प्रदर्शनकारी छात्रों की पहली पसंद थे। यूनुस का जन्म 28 जून 1940 को अविभाजित भारत में हुआ था। वो बंगाल के चिटगांव के एक जौहरी के घर पैदा हुए थे। पूर्व पीएम शेख हसीना और यूनुस एक दूसरे के धुर विरोधी हैं। एक समय ऐसा भी आया था जब प्रधानमंत्री हसीना नाराज होकर बोलीं कि यूनुस को गंगा में डूबो देना चाहिए ताकि उन्हें सबक मिले।
बता दें कि बांग्लादेश महीनों से आरक्षण की आग में जल रहा है। इस हिंसक आंदोलन में अब तक 300 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। प्रदर्शनकारी शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर अड़े हुए थे। इसी कड़ी में वो बड़ी संख्या में राजधानी ढाका की सड़कों पर उतर गए। मजबूरन शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा और वो जान बचाते हुए देश छोड़कर भागीं।
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