नई दिल्ली: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर देश की हर संस्था को नष्ट करने का आरोप लगाया है.
नई दिल्ली: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर देश की हर संस्था को नष्ट करने का आरोप लगाया है. वहीं सरकारी नौकरियों में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली के खिलाफ छात्रों के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद 76 वर्षीय हसीना ने 5 अगस्त को इस्तीफा दे दिया और भारत भाग गईं.
हसीना के हटने के बाद 84 वर्षीय मोहम्मद यूनुस ने 8 अगस्त को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ली. सत्ता में बने रहने के अपने प्रयासों में शेख हसीना की तानाशाही ने देश की हर संस्था को नष्ट कर दिया. न्यायपालिका टूट गयी. यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश ने यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम के हवाले से कहा कि डेढ़ दशक की क्रूर कार्रवाई के माध्यम से लोकतांत्रिक अधिकारों को दबा दिया गया.
उनकी यह टिप्पणी तब आई जब उन्होंने अंतरिम सरकार की शपथ के बाद पहली बार ढाका में तैनात राजनयिकों को जानकारी दी. यूनुस ने कहा कि उन्होंने एक ऐसे देश पर कब्ज़ा कर लिया जो कई मायनों में पूरी तरह से अस्त-व्यस्त था, वह चुनाव आयोग, न्यायपालिका, नागरिक प्रशासन, सुरक्षा बलों और मीडिया में आवश्यक सुधारों पर जोर दे रहे हैं.
मुख्य सलाहकार ने कहा कि चुनावों में खुलेआम धांधली हुई और युवाओं की पीढ़ियां अपने मताधिकार का प्रयोग किए बिना ही बड़ी हो गईं. पूरे राजनीतिक संरक्षण से बैंकों को लूटा गया और सत्ता का दुरुपयोग करके राज्य का खजाना लूट लिया गया, यूनुस ने कहा कि उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रीय सुलह को बढ़ावा देने के लिए भी ईमानदार प्रयास करेंगे. वे व्यापक आर्थिक स्थिरता और निरंतर विकास को बहाल करने के लिए मजबूत और दूरगामी आर्थिक सुधार करेंगे, जिसमें सुशासन और भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन से निपटने को प्राथमिकता दी जाएगी.
40 करोड़ थे जब महासत्ता को हराया, आज तो 140 करोड़ हैं… लाल किले से पीएम मोदी