बांग्लादेश में सताए जा रहे हिंदू जल्द से जल्द भारत आना चाहते हैं। हिंदुओं का कहना है कि भारत सरकार चाहे तो उन्हें अपनी जेल में रख ले, लेकिन बॉर्डर के पार आने दे।
नई दिल्ली। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू निशाने पर हैं। देश में शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग की सरकार गिरने के बाद अब यहां पर कट्टरपंथियों का बोलबाला है। कट्टरपंथी मुस्लिम ना सिर्फ हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं बल्कि मंदिरों में भी तोड़-फोड़ कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बांग्लादेश में सताए जा रहे हिंदू जल्द से जल्द भारत आना चाहते हैं। हिंदुओं का कहना है कि भारत सरकार चाहे तो उन्हें अपनी जेल में रख ले, लेकिन बॉर्डर के पार आने दे। वहीं, जो मुस्लिम बांग्लादेश से भारत आ चुके हैं, उनका कहना है कि वह भारत की जेलों में रह लेंगे लेकिन वो वापस बांग्लादेश नहीं जाएंगे।
बता दें कि भारत में मांग उठ रही है कि सरकार बांग्लादेश में सेना भेजकर वहां के हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित कराए। पिछले दिनों पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बांग्लादेश मामले में सीधा दखल देने की अपील की थी। ममता ने पश्चिम बंगाल विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बांग्लादेश में हमारे परिवार के लोग रहते हैं, वहां पर हमारे करीबी लोगों की संपत्तियां हैं।
मुख्यमंत्री ममता ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की रक्षा करने के लिए भारत सरकार जो भी रुख अपनाएगी, हम उसके साथ हैं। ममता ने कहा कि धार्मिक आधार पर अत्याचार कहीं भी हो, हम उसके हमेशा खिलाफ रहते हैं।
बांग्लादेश की मोहम्मद युनूस सरकार इन हमलों को रोक पाने में नाकाम साबित हो रही है। बांग्लादेश की मौजूदा सरकार ने कहा है कि हिंदुओं पर हमले की खबरें भारतीय मीडिया बढ़ा चढ़ा कर दिखा रही है। उन्होंने कहा है कि बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षित हैं। हिंदुओं पर हमले की ज्यादातर खबरें सिर्फ कोरी अफवाह है। यूनुस सरकार के मंत्रियों का कहना है कि भारत हमारे देश को नुकसान पहुंचाना चाहता है।
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