नई दिल्ली. कनाडा की मार्गरेट एटवुड और ब्रिटेन की बर्नार्डिन एवरिस्टो को संयुक्त रूप से इस साल के बुकर प्राइज का विजेता चुना गया. पिछले 27 सालों में पहली बार ऐसा हुआ है कि इस पुरस्कार को संयुक्त रुप से दो लोगों को दिया गया है. आखिरी बार 1992 में संयुक्त विजेताओं को ये अवॉर्ड दिया गया था. इसके बाद सिर्फ एक विजेता का नाम घोषिक करने का नियम बनाया गया.
बुकर प्राइज के नियमों के मुताबिक एक ही अवॉर्ड संयुक्त रूप से दो लोगों को नहीं दिया जा सकता, लेकिन जजों ने कहा कि वे एटवुड और एवरिस्टो में से एक विजेता नहीं चुन सकते. जजों ने करीब 5 घंटो तक लंबी चर्चा के बाद नियम तोड़कर अवॉर्ड के विजेता का नाम घोषित किया. इस पुरस्कार के लिए छह किताबें छांटी गई थीं जिसमें ब्रितानी-भारतीय उपन्यासकार सलमान रुश्दी का उपन्यास क्विचोटे भी शामिल था.
आपको बता दें कि कनाडा की मार्गरेट एटवुड को उनके उपन्यास गि हैंडमेड्स टेल और बर्नार्डिन एवरिस्टो को गर्ल, वुमेन अदर के लिए यह पुरस्कार दिया गया है. इस बुकर प्राइज की सबसे खास बात यह है कि 50 साल के इतिहास में यह अवॉर्ड पाने वाली बर्नार्डिन एवरिस्टो पहली अश्वेत महिला हैं. जजों को उनकी किताब गर्ल, वुमन, अदर के किरदार काफी पसंद आए. वहीं 79 साल की मार्गरेट एटवुड इस अवॉर्ड की सबसे बुदुर्ग विजेता हैं.
Also Read, ये भी पढ़ें– The Sky Is Pink Box Office Collection Day 4: फरहान अख्तर-प्रियंका चोपड़ा की फिल्म द स्काई इज पिंक ने चौथे दिन कमाए इतने करोड़
मार्गरेट एटवुड इससे पहले साल 2000 में ब्लाइंड एसैसिन किताब के लिए बुकर प्राइज जीत चुकी हैं. मार्गरेट एटवुड का उपन्यास द हैंडमेड्स टेल भी 1986 में इस पुरस्कार के लिए नोमिनेट किया गया था लेकिन तब वह यह अवॉर्ड नहीं जीत पाई थीं. इस साल 151 किताबों में से कुल 6 उपन्यासों को चुना गया था.
नए घर में प्रवेश करना किसी भी व्यक्ति के जीवन में एक खास और महत्वपूर्ण…
सैफ अली खान की सास 1970 के दशक की दिग्गज शख्सियत थीं, जिनका गांधी परिवार…
संभल में सर्वे शुरू होने से पहले ही एक विशेष समुदाय के लोगों और वहां…
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है,…
सीएम हेमंत सोरेन ने कांग्रेस को डिप्टी सीएम का पद देने से इनकार कर दिया…
भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया पर 250 रनों की बढ़त हासिल कर ली है. 67वें ओवर…