नई दिल्ली, श्रीलंका में आर्थिक और राजनीतिक संकट लगातार गहराते ही जा रहा है, अभी गोटाबाया राजपक्षे ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया भी नहीं और पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति बन गए. इस बीच कोलंबो में उनके कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों का हुजूम इकट्ठा हो गया है, विक्रमसिंघे ने सेना को […]
नई दिल्ली, श्रीलंका में आर्थिक और राजनीतिक संकट लगातार गहराते ही जा रहा है, अभी गोटाबाया राजपक्षे ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया भी नहीं और पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति बन गए. इस बीच कोलंबो में उनके कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों का हुजूम इकट्ठा हो गया है, विक्रमसिंघे ने सेना को पूरी छूट दे दी है, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे गए, जिसमें दम घुटने की वजह से एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है.
दम घुटने की वजह से शख्स बेहोश हो गया, इसके बाद जब उसे एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन अस्पताल में ही उसने दम तोड़ दिया. बताया जा रहा है कि गोटाबाया राजपक्षे श्रीलंका से मालदीव पहुंच गए हैं और वहां से वे जल्द ही सिंगापूर जा सकते हैं. बता दें कि प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास में घुसकर मांग कर रहे थे कि रानिल विक्रमसिंघे अपने पद से इस्तीफा दें, लेकिन उन्हें कार्यवाहक राष्ट्रपति बना दिया गया. ऐसे में प्रदर्शनकारी और ज्यादा आक्रामक हो गए और उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय घेर लिया और हमला शुरू कर दिया.
श्रीलंका में दिन पर दिन हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, राष्ट्रपति राजपक्षे छोड़कर भाग गए हैं, मौजूदा हालात को देखते हुए देश में आपातकाल लगा दिया गया है. राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के देश छोड़कर भागने के बाद श्रीलंका में आक्रोश की सुनामी और तेज हो गई है. देश में हालात बहुत ज्यादा बिगड़ गए हैं, प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्ज़ा कर लिया है. प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर आए हैं. इतना ही नहीं एक प्रदर्शनकारी वहां न्यूज एंकर की जगह आकर बैठ गया और लाइव आकर देश को संबोधित करने लगा, इसके बाद टीवी चैनल का प्रसारण बंद करना पड़ा.
श्रीलंका आज चार दिन बाद फिर उबाल पर है, राष्ट्रपति गोटाबाया देश छोड़ कर मालदीव चले गए हैं, जिसके बाद श्रीलंका की आक्रोशित जनता सड़कों पर उतर आई है. संसद भवन और पीएम हाउस में घुसने से जब पुलिस ने भीड़ को रोका तो हंगामा मच गया. प्रदर्शनकारियों को डराने-भगाने के लिए हवा में 10-12 राउंड फायर भी की गई लेकिन इसका भी प्रदर्शनकारियों पर कोई असर नहीं पड़ा.
Sri Lanka Crisis: रानिल विक्रमसिंघे बनाए गए कार्यवाहक राष्ट्रपति, फिर सड़कों पर उतरी जनता