मालदीव की बड़ी भूल! चीन के इस जाल में और फंस रहा है देश, राष्ट्रपति मुइज्जू की नीतियों से बढ़ा खतरा

नई दिल्ली: मालदीव की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पहले से ही भारी कर्ज में डूबे इस देश ने अब चीन से और कर्ज लेने का फैसला किया है, जिससे उसकी परेशानी और बढ़ गई है। इस फैसले से चीन का दबदबा मालदीव पर और मजबूत हो सकता है।

चीन से और कर्ज लेना मालदीव के लिए मुसीबत!

वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, मालदीव पर पहले से ही चीन का 1.3 अरब डॉलर का कर्ज है, जो उसके कुल कर्ज का 20% है। अब मालदीव ने चीन के साथ और वित्तीय मदद का समझौता किया है। इस डील के तहत पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना और मालदीव के आर्थिक विकास मंत्रालय के बीच समझौता हुआ है, जिससे मालदीव और ज्यादा कर्ज में डूब जाएगा।

राष्ट्रपति मुइज्जू की नीतियों से बढ़ा संकट

राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के कार्यकाल में मालदीव की अर्थव्यवस्था पर संकट और गहरा हो गया है। मालदीव अब डिफॉल्ट होने के कगार पर है। चीन के बढ़ते कर्ज के चलते, मालदीव की सरकार अब चीन की ओर झुकती नजर आ रही है। राष्ट्रपति मुइज्जू ने पद संभालने के बाद चीन समर्थित नीतियों को बढ़ावा दिया है, जिससे भारत से उसके संबंध कमजोर होते जा रहे हैं।

चीन के करीब, भारत से दूर!

राष्ट्रपति मुइज्जू की नीतियों से मालदीव लगातार चीन के करीब जा रहा है। हालांकि, अब खबर है कि मुइज्जू एक बार फिर भारत के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहे हैं और जल्द ही भारत की आधिकारिक यात्रा करेंगे।

 

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