मालदीव में संकट के बीच दो भारतीय पत्रकारों को वहां के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है. इसकी खबर मिलते ही आम भारतीय लोगों ने वित्त मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट कर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की.
नई दिल्ली. इन दिनों मालदीव में चल रहे संकट के बीच वहां दो भारतीय पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया गया. दोनों पत्रकारों को मालदीव के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है. खबर है कि ये गिरफ्तार हुए पत्रकरों में अमृतसर के मनी शर्मा और लंदन में रहने वाले भारतीय मूल के पत्रकार आतिश रावजी पटेल न्यूज एजेंसी एएफपी में काम करते हैं. इस मामले को लेकर आम लोगों ने ट्विटर के जरिये विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है. दरअसल मालदीव में इस संकट के पीछे कारण है कि सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष के 9 नेताओं को रिहा करने का आदेश दिया था. जबकि देश के राष्ट्रपति यामीन की सरकार ने इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया. इसके बाद राष्ट्रपति यामीन ने मालदीव में आपातकाल की घोषणा कर दी और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद के साथ एक अन्य जज अली हमीद को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद सरकार के दबाव में आकर सुप्रीम कोर्ट को अपना फैसला बदलना पड़ा.
वहीं भारतीय पत्रकारों की इस गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए वहां के सांसद अली जहीर ने कहा कि ‘अब यहां प्रेस की स्वतंत्रता नहीं बची है. पिछली रात एक टीवी चैनल को भी बंद कर दिया गया. हम तत्काल इनकी रिहाई और देश में लोकतंत्र की बहाली की मांग करते हैं.’ बता दें कि भारत और चीन के लिए मालदीव का ये राजनीतिक संकट बहुत अहम है और दोनों ही देश इस मामले पर बराबर नजर बनाए हुए हैं. दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और पीएम नरेन्द्र मोदी ने फोन पर बातचीत में मालदीव के स्थिति पर चिंता जताई थी.
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