ईरान-इराक बॉर्डर पर 7.2 तीव्रता के भूकंप से अबतक 328 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 1700 से ज्यादा लोग घायल हैं. राहत और बचाव कार्य जारी है. अभी मरने वालों की संख्या में और भी इजाफा हो सकता है.
तेहरान. रविवार को ईरान-इराक बॉर्डर पर 7.2 तीव्रता वाले भूकंप से ईरान-इराक दहल गए हैं. भूकंप के कारण दोनों देशों में अबतक 328 लोगों की मौत हो चुकी है. भूकंप की वजह से दोनों देशों में काफी नुकसान हुआ है. भूकंप में करीब 1700 से ज्यादा लोगों के घायल हैं. भूकंप रविवार रात 9.18 मिनट पर आया जिसकी गहराई 15 मील बताई जा रही है. इस भूकंप का केंद्र इराकी शहर हलबजा से 31 किलोमीटर दूर था. स्थानीय समयानुसार रात 9.20 बजे आए इस भूकंप के झटके कई इरानी शहरों में भी महसूस किए गए और कम से कम आठ गांव तबाह हो गए. इसके अलावा कोस्टा रिका में भी 6.5 तीव्रता वाले भूकंप की खबरें आ रही है. हालांकि यहां जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है.
ईरान की ऑफिशियल न्यूज एजेंसी के मुताबिक, भीषण भूकंप में उनके 67 लोगों की मौत हुई, 300 से ज्यादा के जख्मी होने की खबर है. लैंडस्लाइड के बाद कई हाईवे बंद हो चुके हैं. रेड क्रॉस की 30 टीमें रेस्क्यू में जुटी हैं. कतर में एक बच्चे समेत दो लोगों की मौत हो गई. 105 जख्मी हुए हैं. अमेरिका के भूगर्भ सर्वेक्षण सर्वे (यूएसजीएस) ने बताया कि यह भूकंप हलबजा से 32 किलोमीटर (20 मील) दूर दक्षिण-पश्चिम में आया. तो वहीं कुर्दिश टीवी का कहना है कि इराकी कुर्दिस्तान में कई लोग भूकंप की वजह से अपने घरों को छोड़कर जान बचाकर भाग गए हैं.
ईरान-इराक बॉर्डर पर्वतीय इलाका है. भूकंप के चलते पहाड़ी इलाके में भूस्खलन की स्थिति उत्पन्न हो गई है. नतीजतन राहत कार्यों को पहुंचाने में बाधा आ रही है. ट्विटर पर पोस्ट एक फुटेज के मुताबिक भूकंप आने के बाद सुलेमानिया शहर की एक बिल्डिंग में अफरातफरी के बीच लोगों को भागते देखा गया. उत्तरी इराक के कई घरों की खिड़कियां चटक कर चकनाचूर हो गईं. कई घरों की दीवारों में दरारें उत्पन्न हो गईं और कई कंक्रीट इमारतें जमींदोज हो गईं.
बता दें कि जिस इलाके में भूकंप आया है, वह अरब और यूरेशियाई टेक्टोनिक प्लेट की 1500 किमी फाल्ट लाइन के ही दायरे में आता है. यह बेल्ट पश्चिमी ईरान से लेकर उत्तर-पूर्वी इराक तक फैली है. इस कारण से यह क्षेत्र भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है. इससे पहले 2003 में ईरान में बाम में भयावह भूकंप के चलते यह शहर तबाह हो गया था और तकरीबन 31 हजार लोगों की मौतें हुई थीं. इसी तरह ईरान में दो बड़े भूकंप 2005 और 2012 में आए जिनमें क्रमश: 600 और 300 लोगों की मौत हो गई.