इस्लामाबाद: पाकिस्तान में ठंड के मौसम में गर्मी हासिल करने और खाना पकाने के लिए प्राकृतिक गैस का खूब इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, गैस के भंडार में कमी चलते अधिकारियों ने घरों, गैस स्टेशनों और औद्योगिक इकाइयों को गैस की आपूर्ति को काफी कम कर दी है। यही नहीं, एक कार्बन स्टील या एलॉय स्टील के सिलेंडर की कीमत 10,000 पाकिस्तानी रुपए है। इससे छोटे व्यापारी, गरीब परिवार व अन्य लोग इन्हें खरीद नहीं पा रहे हैं। लेकिन खाना तो सबकी ज़रुरत है। ऐसे में कोई भूखा नहीं सो सकता, इसलिए उन्होंने दूसरा तरीका अपनाया है। यह इतना खतरनाक है कि ऐसी सैकड़ों दुकानें लगभग हर शहर में मिल जाएंगी जो बारूद के ढेर की तरह ही काम कर रही है.
आपको बता दें, गैस जमा करने का यह तरीका घातक है। इसमें विस्फोट होने का खतरा रहता है। इस्लामाबाद के एक चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि उनके केंद्र में रोजाना औसतन आठ ऐसे मरीज आते हैं, जो इन थैलियों (पाकिस्तान में पॉलीथीन में बेची जाने वाली गैस) के फटने और इससे जुड़ी घटनाओं में घायल हुए हैं. कुछ मरीज बेहद गंभीर रूप से ज़ख़्मी होते हैं। कई लोग तो ऐसे होते हैं जो अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक इससे जान भी जा सकती है, लेकिन लोग कहते हैं कि इसका कोई उपाय नहीं है। क्योंकि सिलेंडर महंगा होता है। सोशल मीडिया पर मौजूद सभी लोगों ने इस समस्या को लेकर सरकार से सवाल किए और तत्काल रोकथाम की मांग की. स्थानीय लोगों ने कहा कि इन पुन: प्रयोज्य प्लास्टिक बैगों की कीमत आकार के आधार पर 500 से 900 पाकिस्तानी रुपये के बीच होगी।लोग गांव और शहर दोनों जगह इनका इस्तेमाल करते हैं।
प्रशासन भी इस समस्या से वाकिफ है और उनकी खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी गई है, कार्रवाई की जा चुकी है और इसी महीने पेशावर में 16 दुकानदारों को गिरफ्तार किया गया है. लेकिन कार्रवाई से बचने के लिए लोग अब गुपचुप तरीके से धंधा कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPRPB) ने डियो कैडर में सहायक ऑपरेटर और…
रेलवे भर्ती बोर्ड ने एक बार फिर भारतीयों का पिटारा खोल दिया है। बोर्ड ने…
महाराष्ट्र में छगन भुजबल के अजित पवार वाली एनसीपी के नेता भुजबल नई सरकार में…
रविचंद्रन अश्विन ने 2024 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान अचानक रिटायरमेंट लेने का फैसला किया…
गुरुवार को अंबेडकर विवाद को लेकर संसद में जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। इस दौरान…
25 साल की सेवा पूरी करने के बाद कर्मी अपने गृह क्षेत्र के नजदीक जा…