LCH In Airforce:आज देश का पहला स्वदेशी LCH वायुसेना में होगा शामिल, जानिए इसकी खासियत

नई दिल्ली: देश एयर-पावर और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। आज के दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर (एलएसीएच) को वायुसेना में अधिकारिक तौर पर शामिल किया जाएगा। आज सैन्य समारोह में रक्षा मंत्री खुद एलसीएच वायुसेना को सौपेंगे। बता दें कि भारतीय वायुसेना का यह […]

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LCH In Airforce:आज देश का पहला स्वदेशी LCH वायुसेना में होगा शामिल, जानिए इसकी खासियत

Satyam Kumar

  • October 3, 2022 9:12 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: देश एयर-पावर और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। आज के दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर (एलएसीएच) को वायुसेना में अधिकारिक तौर पर शामिल किया जाएगा। आज सैन्य समारोह में रक्षा मंत्री खुद एलसीएच वायुसेना को सौपेंगे। बता दें कि भारतीय वायुसेना का यह स्वदेशी हेलीकॉप्टर राजस्थान के जोधपुर में तैनात किए जाएंगे।

देश का पहला अटैक हेलीकॉप्टर

आज एलसीएच वायुसेना का हिस्सा बनेगी। इससे पहले थलसेना ने एलसीएच को अपने जखीरे मे शामिल किया है। खबर से जुड़ा जानकारी देते हुए भारतीय सेना ने बताया कि पिछले सप्ताह हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स‌ लिमिटेड (एचएएल) ने दो लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर एलसीएच एविएशन कोर को सौंप दिए हैं।

एलसीएच में बड़ी खूबियां

एलसीएच‌ देश का पहला अटैक हेलीकॉप्टर है जिसे एचएएल ने तैयार किया है। यह एक लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर है। एक एलसीएच हेलीकॉप्टर का वजन करीब 6 टन के आसपास होता है। जो अमेरिका से लिए गए अपाचे हेलीकॉप्टर के वजन से काफी कम है। अपाचे हेलीकॉप्टर का वजन लगभग 10 टन के करीब होता है। वजन कम होने के कारण एलसीएच हाई ऑल्टिट्यूड एरिया में टेकऑफ और लैंडिंग कर सकता है।

दुश्मन को देगा चकमा

एचएएल के अनुसार एलसीएच में आधुनिक स्टेल्थ फीचर्स हैं, जो इसे दुश्मन की रडार में आने से बचाते हैं। साथ ही एलसीएच दुश्मन हेलीकॉप्टर या फाइटर जेट के मिसाइल लॉक को भी चकमा दे सकता है। इसकी बॉडी आरमर्ड है जिससे इस हेलीकॉप्टर पर फायरिंग का कोई खास असर नहीं होगा। यहां तक की रोटर्स यानि पंखों पर गोली का भी कुछ खास असर नहीं होगा।

एलएसी पर एलसीएच

भारतीय वायुसेना को देने से पहले स्वदेशी एलसीएच हेलीकॉप्टर्स का ट्रायल सियाचिन ग्लेशियर से लेकर राजस्थान की रेगिस्तान तक हो चुका है। ट्रायल के दौरान एलसीएच में पर्याप्त मात्रा में फ्यूल से लेकर उसके हथियार भी लगे हुए थे। खबर है कि वायुसेना में शामिल करने से पहले ही दो एलसीएच हेलीकाप्टर पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर तैनात हो चुके हैं।

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