Kulbhushan Jadhav case: बौखलाया पाकिस्तान इंटरनेशनल कोर्ट में देगा 400 पन्नों का हलफनामा, भारत बोला- कुलभूषण जाधव को बचाकर रहेंगे

Kulbhushan Jadhav case: पाकिस्तान कुलभूषण जाधव मामले में आज (मंगलवार) को अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट (इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस) में हलफनामा दाखिल करने की तैयारी कर रहा है. इससे पहले भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट में साफ कहा था कि भारत कुलभूषण जाधव को हर मामले में बचा कर रहेगा.

Advertisement
Kulbhushan Jadhav case: बौखलाया पाकिस्तान इंटरनेशनल कोर्ट में देगा 400 पन्नों का हलफनामा, भारत बोला- कुलभूषण जाधव को बचाकर रहेंगे

Aanchal Pandey

  • July 17, 2018 10:47 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

इस्लामाबाद. कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में जवाब दाखिल करने जा रहा है. पाकिस्तान की ओर से कहा गया है कि जाधव आम इंसान नहीं है. इसलिए वह वियना संधि के दायरे में नहीं आता है. बता दें वियना संधि का मतलब है कि किसी भी देश के राजनयिकों को गिरफ़्तार नहीं किया जा सकता है, साथ ही राजनियकों को हिरासत में रखा जा सकता है. जियो टीवी चैनल के मुताबिक पाकिस्तान ने 400 पन्नों का हलफनामा तैयार किया गया है. बता दें पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने कूभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी.

इंटरनेशनल कोर्ट में इससे पहले अप्रैल भारत ने आईसीजे में अपना जवाब दाखिल किया था जिसमें भारत ने पाकिस्तान को साफ व दो टूक में कहा था वह हर हाल में कुलभूषण जाधव को बचाकर रहेंगे. पाकिस्तान के टीवी चैनल जियो चैनल के मुताबिक पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल के अंतर्गत 400 पन्नों का भारत के इस जवाबी हलफनामे को तैयार किया गया है. इस हलफनामे को इंटरनेशनल कोर्ट में फॉरेन ऑफिस डायरेक्टर इंडिया डॉक्टर फरेह बुग्ती दायर करेंगे.

गौरतलब है कि कुलभूषण जाधव रिटायर्ड नेवी ऑफिसर हैं जिन्हें पाकिस्तान ने पिछले कई सालों से जासूसी का आरोप मंडते हुए गिरफ्तार किया हुआ है और फांसी की सजा सुनाई थी. इस मामले में भारत ने पिछले साल 8 मई को अंतर्राष्ट्रीय अदालत का रूख किया था. जहां भारत को पाकिस्तान को जबरदस्त घेरा था. भारत की ओर से हरीश साल्वे ने भारत का पक्ष रखा था.

जाधव को फांसी की सजा, अंतरराष्ट्रीय मानकों के खिलाफ ; एमनेस्टी

कुलभूषण जाधव की ना’पाक’ सजा पर भारत की सख्ती, 11 पाकिस्तानी कैदियों की रिहाई कैंसिल

Tags

Advertisement