कृष्णा कुमारी कोलही का जन्म एक गरीब किसान जुगनू कोलही के घर साल 1979 में हुआ था. वह अपने भाई के साथ एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पीपीपी में शामिल हुई थी. उनका ऊपरी सदन में पहुंचना पाकिस्तान की महिलाओं के लिए मील का पत्थर है.
इस्लामाबाद. पाकिस्तान के ऊपरी सदन में पहली बार दलित महिला सीनेटर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगी. पाकिस्तान की पहली महिला हिन्दू सासंद कृष्णा कुमारी कोलही ने सोमवार को ऊपरी सदन की सदस्य के रूप में शपथ ली. कृष्णा कुमारी कोलही शपथ लेने वाले 51 सांसदों में शामिल थीं. कृष्णा कुमारी कोलही सिंध प्रांत में थार के नगरपारकर जिले के एक सुदूर गांव की रहने वाली हैं. वे बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की सदस्य हैं.
कृष्णा कुमारी कोलही समेत 51 सांसदों को पीठासीन अधिकारी सरदार याकूब खान नसार ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. संघीय और प्रांतीय एसेंबलियों द्वारा तीन मार्च को सांसद चुने गये. इनमें कोलही का भी नाम है. कोलही सिंध की अल्पसंख्यक सीट से चुनकर संसद पहुंची हैं. कोलही शपथ ग्रहण के लिए पारंपरिक थार परिधान में अपने परिवार के साथ संसद भवन पहुंचीं.
कृष्णा कुमारी कोलही ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वह स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार और पानी के मुद्दे समेत तमाम मसलों के समाधान के लिए काम करेंगी. उनका चुनाव पाकिस्तान में महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए मील का पत्थर है. कृष्णा कुमारी कोलही का जन्म एक गरीब किसान जुगनू कोलही के घर साल 1979 में हुआ था. उनके परिवार ने करीब तीन साल उमेरकोट जिले के कुनरी के एक जमींदार की जेल में बिताये थे. कृष्णा की नौवीं कक्षा में ही शादी हो गई थी उस वक्त वे सिर्फ 16 साल की थीं. हालांकि उन्होंने शादी के बाद भी पढ़ाई जारी रखी और 2013 में सिंध विवि से समाजशास्त्र में मास्टर्स किया.
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