नई दिल्ली, Kim Jong-Un Punished Gardners उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन की सत्ता में होने वाला अन्याय तो किसी से छिपा नहीं है. इस बार भी उत्तर कोरिया के इस क्रूर शासक ने बर्बरता की सभी हदें पार कर दी हैं.
उत्तर कोरिया के दिवंगत नेता किम जोंग-इल और वर्तमान शासक किम जोंग उन के पिता के जन्मदिन 16 फरवरी पर क्रूर शासक ने कुछ ऐस फैसला सुनाया जो अब काफी चर्चा में बना हुआ है. दरअसल ये सजा वहां के बागबानों को सुनाई गयी है. जहां बागवानों के एक समूह को श्रमिक शिविरों में भेज दिया गया. बता दें, श्रम शिविर एक कार्य शिविर है जहां कैदियों को दंड के रूप में दंडात्मक श्रम में संलग्न होने के लिए मजबूर किया जाता है. श्रम शिविरों में गुलामी करवाई जाती है.
ये फूल सनकी शासक के पिता के जन्मदिन पर किये जा रहे इवेंट पर इस्तेमाल किये जाने थे पर ऐसा नहीं हो सका. जिस कारन किम जोंग उन ने मालियों के एक समूह को इस तरह की सजा सुनाई. इन फूलों का नाम किमजोंगिलिया है जो इवेंट के दौरान आकर्षण का केंद्र होने वाले थे. इन फूलों के सही समय पर न खिल पाने के कारन क्रूर शासक की नाराज़गी इतनी बढ़ गयी की उसने निर्दोष मालियों को ये सजा सुना दी.
आपको बताते चलें इन फूलों के खिलने की प्रक्रिया अत्यंत जटिल होती है. जहां ग्रीनहाउस के तापमान और आर्द्रता के साथ-साथ इसे नियमित रूप से निगरानी की भी आवश्यकता होती है. नहीं तो ये फूल नहीं खिलते. इस दौरान लकड़ी जला कर भी तापमान में वृद्धि की जाती है. इन फूलों को कम से कम 30 सालों में विकसित किया गया था. जिसके बाद इन्हें 1988 में किम जोंग-इल के जन्मदिन के तौर पर चिन्हित किया गया.
देश और दुनिया की ताजातरीन खबरों के लिए हमे फॉलो करें फेसबुक,ट्विटर
1971 के मुक्ति संग्राम का हिस्सा रहे आठ भारतीय सैनिक भारत और बांग्लादेश में विजय…
दोनों विदेशी कोच जो साल 2024 में नियुक्त किए गए थे, उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट टीम…
सीएम योगी ने कहा कि संभल में साल 1947 से लेकर अब तक हुए दंगों…
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा बीजेपी सरकार को कमजोर बताया और…
2024 का साल भारतीय खेलों के लिए विशेष रूप से यादगार रहा।
भारत की सैन्य शक्ति और रणनीति समय-समय पर विभिन्न घटनाओं और परिवर्तनों के माध्यम से…