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किम जोंग उन का ‘प्लेजर स्क्वाड’: सुंदरियों का भयावह चयन और तानाशाही की काली कहानी

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के बारे में लगातार shocking खुलासे हो रहे हैं, जो उनके शासन के दौरान लोगों के जीवन

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किम जोंग उन का ‘प्लेजर स्क्वाड’: सुंदरियों का भयावह चयन और तानाशाही की काली कहानी
  • September 23, 2024 7:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के बारे में लगातार shocking खुलासे हो रहे हैं, जो उनके शासन के दौरान लोगों के जीवन की दुखद स्थिति को उजागर करते हैं। जहां आम उत्तर कोरियाई लोग भयानक हालात में जी रहे हैं, वहीं किम और उनका परिवार ऐशो-आराम की जिंदगी बिता रहे हैं।

‘प्लेजर स्क्वाड’ की पहचान

हाल ही में एक रिपोर्ट में किम जोंग उन के ‘प्लेजर स्क्वाड’ का जिक्र किया गया है, जिसमें हर साल 25 खूबसूरत लड़कियों का चयन किया जाता है। इन लड़कियों को उनकी सुंदरता और वफादारी के आधार पर चुना जाता है।

Kim Jong Un Pleasure Squad

भागी लड़की का खुलासा

उत्तर कोरिया से भागी येओनमी पार्क नाम की एक लड़की ने बताया कि वह भी कभी इस स्क्वाड का हिस्सा थी। उसने खुलासा किया कि उसे किम के दल के सामने पेश किया गया था, लेकिन उसके परिवार की आर्थिक समस्याओं के कारण वह चुनी नहीं गई।

चयन प्रक्रिया की गंभीरता

पार्क ने कहा कि किम के अधिकारी संभावित उम्मीदवारों की तलाश के लिए स्कूलों और परिसरों में जाते हैं। अगर किसी लड़की का कोई परिवार सदस्य उत्तर कोरिया से भाग चुका है या दक्षिण कोरिया में रहता है, तो वह इस स्क्वाड के लिए अयोग्य हो जाती है। इसके बाद लड़कियों को वर्जिनिटी टेस्ट से गुजरना पड़ता है, और उनका मुख्य उद्देश्य किम और उनके अधिकारियों को खुश रखना होता है।

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लड़कियों का वर्गीकरण

‘प्लेजर स्क्वाड’ को तीन समूहों में बांटा जाता है

1. बॉडी मसाज का प्रशिक्षण: इस ग्रुप की लड़कियों को विशेष मसाज तकनीक सिखाई जाती है।

2. सिंगिंग और डांसिंग: दूसरे ग्रुप की लड़कियों को गाना और नृत्य सिखाया जाता है।

3. यौन संबंधों के लिए: तीसरे ग्रुप की लड़कियों को किम और उनके सहयोगियों के साथ यौन संबंध बनाने के लिए तैयार किया जाता है।

सबसे आकर्षक लड़कियों को किम की सेवा के लिए चुना जाता है, जबकि अन्य अधिकारियों को सौंप दी जाती हैं।

अतीत की काली छाया

किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल के शासन में, यानी 1970 के दशक से, इस ‘प्लेजर स्क्वाड’ की नींव रखी गई थी। यह स्पष्ट है कि यह प्रणाली महिलाओं के लिए अत्यधिक भयानक और अपमानजनक है।

 

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