नई दिल्ली : पिछले कुछ दिनों से खालिस्तान समर्थकों का उपद्रव बढ़ता जा रहा है. अभी भारत में अमृतपाल का मुद्दा शांत नहीं हुआ था तभी कनाडा खालिस्तानी समर्थकों ने गांधी प्रतिमा को तोड़ दिया. ये प्रतिमा बर्नबाई यूनिवर्सिटी में लगी थी. कनाड़ा में हिंदू मंदिरों पर बढ़ रहे हमले मीडिया रिपोर्ट के अनुसार खालिस्तानी […]
नई दिल्ली : पिछले कुछ दिनों से खालिस्तान समर्थकों का उपद्रव बढ़ता जा रहा है. अभी भारत में अमृतपाल का मुद्दा शांत नहीं हुआ था तभी कनाडा खालिस्तानी समर्थकों ने गांधी प्रतिमा को तोड़ दिया. ये प्रतिमा बर्नबाई यूनिवर्सिटी में लगी थी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार खालिस्तानी समर्थक गांधी प्रतिमा पर स्प्रे-पेंट कर भद्दा किया था. पुलिस ने कहा कि मामले की जांच कर रहे है अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.
विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश कनाड़ा है यहां पर खालिस्तानी समर्थक हिंदू मंदिरों को तोड़ रहे है. पिछले कुछ सालों से खालिस्तानी समर्थक हिंदू मंदिरों और प्रतिष्ठानों को निशान बना रहे है. खालिस्तानी समर्थक हिंदू मंदिरों के दिवारों पर भद्दे-भद्दे स्लोगन लिखते है.
खालिस्तानी समर्थकों का उत्पात लगातार बढ़ता ही जा रहा है. पिछले साल यानी 2022 के जुलाई में भी ग्रेटर टोरंटो में स्थित गांधी प्रतिमा को तोड़ा था और विष्णु मंदिर को भी निशाना बनाया था. वहीं भारतीय समुदाय के लोग भारतीय दूतावास के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. भारतीय समुदाय के लोगों का कहना है कि कनाडा सरकार खालिस्तानियों पर रोक लगाम लगाए.
काठमांडू पोस्ट ने दावा किया है कि भारतीय दूतावास के पत्र की एक प्रति उसके पास है. उसी पत्र के आधार पर ही अखबार ने कहा है कि अमृतपाल सिंह नेपाल में छिपा हुआ है. इसके साथ ही अखबार ने कई स्त्रोतों का हवाला देते हुए ये भी कहा है कि भारतीय दूतावास के पत्र और अमृतपाल सिंह के व्यक्तिगत विवरण को होटल से लेकर एयरलाइंस तक सभी संबंधित एजेंसी को भेज दिया है.
गौरतलब है कि, भारतीय खुफिया एजेंसियों का ऐसा मानना है कि अमृतपाल सिंह के पास अलग-अलग पहचान के कई फर्जी पासपोर्ट हैं. 18 मार्च को पंजाब पुलिस ने जब खालिस्तानी नेता के खिलाफ कार्रवाई शुरू की, उसके बाद से वो फरार है. पंजाब के जालंधर जिले में उसके काफिले को रोके जाने के बावजूद कट्टरपंथी अलगाववादी वहां से पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो गया. पिछले लगभग 10 दिनों से पंजाब पुलिस और अन्य केंद्रीय एजेंसियां करीब 9 राज्यों में अमृतपाल सिंह की तलाश कर रही हैं.