Kartarpur Border Corridor: आज से शुरु हो रहा करतारपुर कॉरिडोर, जानें क्यों है इतना खास?

Kartarpur Border Corridor: आज से भारत से जाने वाले यात्रियों के लिए करतारपुर कॉरिडोर खोल दिया जाएगा. इस रास्ते अब भारत से पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब दर्शन करने जाने वालों को आसानी होगी. ये कॉरिडोर कई सालों से चर्चा में रहा है. भारत पाकिस्तान के बिगड़ते रिश्तों के कारण इस कॉरिडोर के बनने में भी कई सालों का समय लगा.

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Kartarpur Border Corridor: आज से शुरु हो रहा करतारपुर कॉरिडोर, जानें क्यों है इतना खास?

Aanchal Pandey

  • November 28, 2018 11:51 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. भारत में गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती पर केंद्र सरकार ने फैसला किया कि गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से पाकिस्तान बॉर्डर तक करतारपुर गलियारा बनाया जाएगा. ये रास्ता दिल्ली से करतारपुर तक बनाया जा रहा है. पाकिस्तान की बॉर्डर तक इस गलियारे का विकास कार्य किया जाएगा. पाकिस्तान की ओर से भी आज करतारपुर कॉरिडोर खोला जा रहा है. लेकिन सवाल है कि इस करतारपुर कॉरिडोर का इतना महत्व क्यों है? दरअसल दोनों देशों में इस कॉरिडोर के खुलते ही करतारपुर साहिब दर्शन के लिए जाने वाले भारतीय तीर्थ यात्रियों को वहां जाने का आसान रास्ता मिल जाएगा. इस कॉरिडोर के खुलने से यात्री अब पूरे साल पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में दर्शन करने जा सकते हैं. बता दें कि करतारपुर साहिब सिखों के लिए तीर्थ स्थान है.

करतारपुर साहिब गुरुद्वारा सिखों की पवित्र जगह है जहां सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी का निवास था. सिख मान्यता के अनुसार गुरुनानक देव जी ने अपने जीवन के अंतिम समय में अपने परिवार के साथ 17 साल 5 महीने 9 दिन वहीं निवास किया था. यहां उनके माता-पिता और उनका देहांत हुआ. इसी के बाद से इस स्थान को तीर्थ स्थान मानते हुए गुरुद्वारा बनाया गया. ये पाकिस्तान की रावी नदी पर पंजाब के नारोवाल जिले में स्थित है. ये लाहौर से 120 किलोमीटर, डेरा साहिब से चार किलोमीटर और भारत-पाक की बॉर्डर से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. पाक अधिकारी इस बात का ध्यान रखते हैं कि गुरुद्वारा के आस-पास घाय न जमा हो ताकि भारत से इसे देखा जा सके. यही कारण है कि भारत की तरफ से करतारपुर साहिब साफ नजर आता है. भारत बॉर्डर पर रहने वाले लोग करतारपुर साहिब के दर्शन दूरबीन के जरिए करते हैं.

साल 2000 में प्रस्ताव दिया गया कि भारत से आने वाले यात्रियों को वीजा के बिना आने की सुविधा दी जाए जिसके लिए एक कॉरिडोर का निर्माण किया जाए. हालांकि 2017 में भारत ने पाक से बिगड़ते रिश्तों के कारण इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया. इसके बाद भारत सरकार ने कहा कि अब देश की बॉर्डर पर करतारपुर साहिब दर्शन के लिए हाई पावर दूरबीन लगाई जाएगी. हालांकि इस साल पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान जाने के बाद करतारपुर कॉरिडोर मुद्दा फिर चर्चा में आया. उन्होंने पाकिस्तान सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के साथ इस पर चर्चा की. अब ये कॉरिडोर पूरा हो गया है जिसका पाकिस्तान में आज उद्धाटन किया जा रहा है. अब भारत से जाने वाले यात्री आसानी से करतारपुर साहिब के दर्शन कर सकते हैं.

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