नई दिल्ली : पूर्वोत्तर नाइजीरिया में जिहादी आत्मघाती हमले में कम से कम 27 नाइजीरियाई सैनिक मारे गए। मिडिया रिपोट्स के अनुसार, सैनिकों ने बोर्नो और योबे राज्यों के बीच बंजर भूमि में इस्लामिक स्टेट (ISIS) से जुड़े आतंकवादियों के ठिकाने पर जमीनी हमला किया।
एक सैन्य अधिकारी ने मिडिया को बताया, “आत्मघाती हमले में कमांडर सहित 27 सैनिक मारे गए और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।”
यह हमला हाल के वर्षों में सेना को निशाना बनाकर किए गए सबसे घातक आत्मघाती हमलों में से एक था। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि हमले के समय अंधेरा था, जिससे सैनिकों के लिए स्पष्ट रूप से देखना मुश्किल हो गया था। उन्होंने यह भी कहा कि घायलों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कुछ की हालत “गंभीर” है।
एक आत्मघाती हमलावर ने अपने विस्फोटक से लदे वाहन को घनी झाड़ियों में छिपे सैनिकों के काफिले में घुसा दिया, जो इस्लामिक स्टेट वेस्ट अफ्रीका प्रांत (ISWAP) के खिलाफ एक अभियान के लिए आगे बढ़ रहे थे। यह हमला ‘टिम्बकटू ट्राएंगल’ क्षेत्र में हुआ, जिस पर पहले बोको हराम का कब्जा था।
ISWAP 2016 में बोको हराम से अलग होकर उत्तर-पूर्व में मुख्य आतंकवादी समूह बन गया। अब इसने बोको हराम के कब्जे वाले क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है, जिसमें टिम्बकटू ट्राएंगल और सांबिसा जंगल शामिल हैं। यह समूह सड़क किनारे बारूदी सुरंगें लगाकर और वाहनों में विस्फोटक भरकर सैनिकों को निशाना बनाता है। जुलाई में एक हमले में सात सैनिक मारे गए थे, जब उनका वाहन एक बारूदी सुरंग से टकरा गया था।
यह संघर्ष अब 15 साल पुराना हो चुका है, जिसमें लगभग 40,000 लोग मारे गए हैं और 2 मिलियन से ज़्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। हिंसा नाइजीरिया के पड़ोसी देशों जैसे नाइजर, चाड और कैमरून में भी फैल गई है, जिसके परिणामस्वरूप इन देशों ने उग्रवादियों से लड़ने के लिए एक क्षेत्रीय बल का गठन किया है।
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