Japan-USA 2+2 Meeting : नई दिल्ली. Japan-USA 2+2 Meeting : दक्षिणी एशिया में चीन के बढ़ते दबदबे और दखल को रोकने के लिए अमेरिका लगातार नए गठबंधन और सुरक्षा समझौते कर रहा है. क्वाड समूह की बैठक और आकुस के निर्माण के बाद अमेरिका ने बुधवार को जापान के साथ वर्चुअली टू प्लस टू वार्ता […]
नई दिल्ली. Japan-USA 2+2 Meeting : दक्षिणी एशिया में चीन के बढ़ते दबदबे और दखल को रोकने के लिए अमेरिका लगातार नए गठबंधन और सुरक्षा समझौते कर रहा है. क्वाड समूह की बैठक और आकुस के निर्माण के बाद अमेरिका ने बुधवार को जापान के साथ वर्चुअली टू प्लस टू वार्ता किया. जिसमे दोनों देशों के बीच एक पंचवर्षीय सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करने के साथ और भी कई महत्वपूर्ण विषयों पर बात हुई
इस वार्ता के मुख्य बिंदु में हिंद प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा का विषय भी शामिल था. जापान और अमेरका का दोनो ही इस क्षेत्र में बढ़ते चीनी दखल से परशान है. इस क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर पिछले साल दोनों देश भारत और ऑस्ट्रेलिया के साथ बैठक भी कर चुके है.
अमेरिका के रक्षा मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने वार्ता में उत्तर कोरिया के मिसाइल कार्यक्रमों पर चिंता जाहिर करने के साथ एक स्थाई समाधान निकलाने की बात की. गौरतलब है कि उत्तर कोरिया द्वारा लगातार हो रहे मिसाइल परीक्षणों ने अमेरिका और जापान दोनो की नींद उड़ा रखी है.
पूर्वी चीन सागर मे स्थित सेनकाकू द्वीप पर जापान, चीन और ताइवान तीनों अपना दावा करते है. प्राकृतिक संसाधनों के काफी भंडारण होने और रणनीति तौर पर बेहद महत्वपूर्ण इस द्वीप की सीमा में चीन अक्सर अपने जहाज भेजता रहता है. जबरदस्ती होने वाली इस घुसपैठ से जापान और अमेरिका दोनों अपनी चिंता जाहिर कर चुके है.
चीन की ओर से बढ़ते खतरे और उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रमों से डरा जापान पिछले नौ सालों से लगातार अपने रक्षा बजट में बढ़ोत्तरी कर रहा है. 5 ट्रीलयन डॉलर से अधिक अर्थव्यवस्था वाले इस देश का रक्षा बजट 50 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है. जो उसकी जीडीपी के 1% हिस्से से ज्यादा है. गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर महीनें में प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से हुई फोन कॉल पर हुई बातचीत में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जापान को रक्षा बजट बढ़ाने की सलाह दी थी. बता दे कि द्वितीय विश्व युद्ध में समर्पण करने के बाद जापान ने अपनी सेनाओ को सीमित कर दिया था और सुरक्षा के लिए अमेरिका के ऊपर निर्भर हो गया था. अभी भी लगभग 50,000 हजार अमेरकी सैनिक जापान में मौजूद है.