नई दिल्ली। अब भारतीयों के लिए जर्मनी मे पढ़ाई, नौकरी व शोध करना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो जाएगा। इसके लिए भारत और जर्मनी के बीच आवाजाही साझेदारी और समग्र प्रवासन का सौदा हुआ है। इस सौदे का सबसे बड़ा फायदा भारतीय छात्रों को होगा जो पढ़ाई के लिए जर्मनी जाते हैं। पढ़ाई के […]
नई दिल्ली। अब भारतीयों के लिए जर्मनी मे पढ़ाई, नौकरी व शोध करना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो जाएगा। इसके लिए भारत और जर्मनी के बीच आवाजाही साझेदारी और समग्र प्रवासन का सौदा हुआ है। इस सौदे का सबसे बड़ा फायदा भारतीय छात्रों को होगा जो पढ़ाई के लिए जर्मनी जाते हैं। पढ़ाई के लिए जर्मनी का रुख करने वाले छात्रों के लिए वीजा प्रक्रिया को सरल बनाने पर भी सहमति हुई है।
भारत और जर्मनी के बीच हुए इस समझौते के तहत अब जर्मनी हर साल भारत में रहने वाले तीन हजार लोगों को जॉब सीकर वीजा प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही जर्मनी रहकर पढ़ने वाले भारतीय छात्रों को अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद 18 महीनों का विस्तारित रेजिडेंट परिमिट प्रदान किया जाएगा। इस समझौते मे रोजगार के अवसरों को सुविधाजनक बनाने एवं प्रतिभा के आदान प्रदान को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है।
इस समझौते के बाद हुई बैठक मे बेयरब़ॉक के साथ हुई संयुक्त प्रेस वार्ता में जयशंकर ने कहा कि, हमने आतंकवाद के मामले मे अफगानिस्तान और पाकिस्तान को लेकर भी चर्चा की। इस दौरान ईरान के मुद्दों से लेकर हिंद प्रशांत के विषय को लेकर भी चर्चा हुई। यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत ने अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है कि, यह युग युद्द का नहीं है, किसी भी मसले का समाधान बातचीत से ही निकाला जाना चाहिए। इस दौरान उन्होने कहा कि, हमने लोगों के बीच संपर्क बढ़ान पर चर्चा की और साथ ही इस दिशा में समग्रर प्रवासन एवं आवाजाही साझेदारी के समझोते पर हस्ताक्षर भी कर दिए हैं।