नई दिल्ली: इजराइल की संसद ने 30 घंटे की मैराथन बैठक की विपक्ष के विरोध के बावजूद एक विवादास्पद कानून को मंजूरी प्रदान कर दी.इससे जुड़े लोगों ने बताया कि इस बिल के पास हो जाने से राजनितिक मामलों में न्यायपालिका के हस्तक्षेप को रोक लग जाएगी. इस बिल को इस्राइल के न्याय प्रणाली के […]
नई दिल्ली: इजराइल की संसद ने 30 घंटे की मैराथन बैठक की विपक्ष के विरोध के बावजूद एक विवादास्पद कानून को मंजूरी प्रदान कर दी.इससे जुड़े लोगों ने बताया कि इस बिल के पास हो जाने से राजनितिक मामलों में न्यायपालिका के हस्तक्षेप को रोक लग जाएगी. इस बिल को इस्राइल के न्याय प्रणाली के सुधार करने की PM बेंजामिन नेतन्याहू की योजना के रूप में देखा जा रहा है.
इस बिल को पास करने का प्रयास काफी समय से चल रहा था. बता दें कि विधेयक में संशोधन करने और इस पर विपक्ष से चर्चा कारने के पिछले कई प्रयास विफल हो गए थे. कभी चर्चा हुई भी तो उसका कोई हल नहीं निकल सका था. ऐसे में बिल पास होना नेतन्याहू की सरकार के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रहा है.
विधेयक को लेकर रविवार सुबह से चर्चा हुई थी, जो लगभग 30 घंटे लगातार चलती रही. इस मैराथन बैठक के बाद इस बिल को पास कराया जा सका. एक तरफ जहां संसद में बिल पर चर्चा की जा रही थी. वहीं दूसरी तरफ इस बिल के पक्ष और विपक्ष में हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़को पर उतर आए.
इजराइल में अधिकतर समय गठबंधन की सरकार होती है. कई छोटी-छोटी पार्टी होने से किसी को बहुमत नहीं मिल पाता ऐसे में अगर सरकार कोई ऑर्डर जारी करता है तो कोई दल उसे कोर्ट में लेकर चला जाता है.सरकार का कहना है कि अदालत कई बार अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल करती है और बहुत अहम काम पर भी रोक लगा देती है. बता दें कि इस बिल के पास होने से न्यायपालिका की शक्ति पर अंकुश लगेगा.
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