Israel September 2019 Elections Hung Results, PM Benjamin Netanyahu Likud Party Lost: इजरायली संसदीय चुनाव के अब तक के नतीजों में त्रिशंकु नेसेट- इजरायली संसद का नाम- से 2020 की शुरुआत में तीसरे संसदीय चुनाव की नींव पड़ गई है. मौजूदा प्रधानमंत्री और लिकुद पार्टी के प्रमुख बेंजामिन नेतन्याहु की हार हुई है लेकिन प्रमुख विपक्षी पार्टी ब्लू एंड व्हाइट पार्टी को भी कोई बहुमत नहीं मिला है जिससे पूर्व आर्मी चीफ बेनी गांज के भी पीएम बनने में मु्श्किल है. 120 सदस्यों वाली इजरायली संसद में सरकार बनाने के लिए 61 सांसदों का समर्थन चाहिए और ये नेतन्याहू और गांज के हाथ मिलाए होता नहीं दिख रहा है जो एक-दूसरे के कट्टर विरोधी हैं. नेतन्याहू ने तो गठबंधन सरकार बनाने की अपील भी कर दी है जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में 2 अक्टूबर को अहम सुनवाई है.
समाचार लिखे जाने तक 95 परसेंट वोटों की गिनती हुई है जिसके मुताबिक पूर्व सेना प्रमुख बेनी गांज की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी 33 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है. मौजूदा पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुद पार्टी 31 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर है. नतीजा ऐसा दिख रहा है जिसमें कौन जीता, कौन हारा कह पाना मुश्किल है. इजरायल में रह रहे अरब लोगों की पार्टियों के गठबंधन द ज्वाइंट लिस्ट चुनाव में 13 सीट जीतकर तीसरी बड़ी पार्टी बनी है.
इजरायल में 20 परसेंट अरब आबादी है और कुल वोटर में 16 परसेंट अरब हैं जिनमें ज्यादातर का समर्थन अयमन ओडे की द ज्वाइंट लिस्ट पार्टी के साथ है. किंगमेकर बनकर उभरे हैं पूर्व रक्षा मंत्री अविग्दोर लीबरमान जिनकी बेटीनू पार्टी को 7 सीटों पर जीत मिली है. 17 सितंबर को इजरायल में दोबारा संसदीय चुनाव हुए थे क्योंकि अप्रैल के चुनाव में भी किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. अप्रैल के चुनाव में नेतन्याहू की लिकुद पार्टी को 36 जबकि बेनी गांज की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी को 35 सीटें मिली थीं. इन चार पार्टियों के अलावा यमीना पार्टी, शास पार्टी, यूनाइटेड तोराह जूडीइज्म, डोमोक्रेटिक यूनियन और लेबर-गेशेर गठबंधन को बाकी सीटें मिल रही हैं.
इजरायली मीडिया में नेतन्याहू के बेनी गांज से गठबंधन सरकार बनाने की अपील की खबरें छाई हुई हैं लेकिन काफी लोगों को लगता है कि दोनों हाथ नहीं मिलाएंगे क्योंकि चुनाव प्रचार में दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ काफी तीखी बयानबाजी की थी. तीसरे और चौथे नंबर की पार्टियां भी नेतन्याहू विरोधी हैं. इजरायल में सबसे बड़ा सवाल यही है कि नेतन्याहू दोबारा पीएम बन पाएंगे या नहीं और अगर नहीं बन पाते हैं तो 2 अक्टूबर को उनके ऊपर भ्रष्टाचार के मामले की अगली सुनवाई में उनका क्या होगा.
इजरायल के चुनाव में नेतन्याहू ने लिकुद पार्टी के प्रचार में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपनी तस्वीरों का जमकर इस्तेमाल किया था ताकि देश को बताया जा सके कि ग्लोबल पावर उनके साथ है. चुनाव नतीजों से झटका खाए नेतन्याहू ने सितंबर के आखिरी सप्ताह में संयुक्त राष्ट्र महासभा का दौरा स्थगित कर दिया है जहां वो हर साल जाते थे. नेतन्याहू 2009 से इजरायल के पीएम हैं और दस साल लंबी इस पारी की शुरुआत से पहले 1996 से 1999 तक भी प्रधानमंत्री रह चुके हैं.
भारत के संसदीय चुनाव में मई में जब पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी को अभूतपूर्व जीत और भारी बहुमत मिला था तो नेतन्याहू ने पीएम मोदी को फोन करके बधाई दी थी और फोन का एक वीडियो भी ट्वीटर पर डाला था जिसमें वो पीएम मोदी से कह रहे थे कि- मित्र नरेंद्र, आपको तो गठबंधन की जरूरत नहीं है लेकिन मुझे है. नेतन्याहू अप्रैल के चुनावों के बाद गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन नाकाम रहे और सितंबर में दोबारा चुनाव हुआ है. पूर्व पीएम एहुद ओल्मर्ट ने आशंका जताई है कि 2020 की शुरुआत में तीसरी बार चुनाव हो सकता है.
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