नई दिल्ली: इजरायल और हमास के बीच पिछले करीब 1 महीने से भीषण युद्ध जारी है. इस बीच अमेरिका और यूरोप के बड़े नेता अपना समर्थन व्यक्त करने लगातार इजरायल के दौरे पर आ रहे हैं. जिसमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक शामिल हैं. इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति […]
नई दिल्ली: इजरायल और हमास के बीच पिछले करीब 1 महीने से भीषण युद्ध जारी है. इस बीच अमेरिका और यूरोप के बड़े नेता अपना समर्थन व्यक्त करने लगातार इजरायल के दौरे पर आ रहे हैं. जिसमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक शामिल हैं. इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को इजरायल बार-बार अपने देश आने से मना कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जेलेंस्की की ओर से बार-बार इजरायल से संपर्क किया जा रहा है.
बता दें कि इजरायल ने जेलेंस्की के अलावा अभी तक किसी और नेता को अपने देश आने से मना नहीं किया है. तेल अवीव को लगता है कि जेलेंस्की खुद को इजरायल के साथ दिखाकर पश्चिमी देशों का ध्यान अपनी ओर बनाए रखना चाहते हैं. यही वजह है कि इजरायल हमास युद्ध में जेलेंस्की को अपना एजेंडा आगे नहीं करने देना चाहता है. इजरायल जेलेंस्की के कारण रुस को कोई मौका नहीं देना चाहता है.
वहीं, हमास से जारी जंग के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन शुक्रवार को एक बार फिर से इजरायल पहुंचे हैं. इस दौरान ब्लिंकन तेल अवीव में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच बंधकों की रिहाई और गाजा ऑपरेशन को लेकर चर्चा हुई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक युद्ध-विराम के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जल्द जॉर्डन का दौरा कर सकते हैं.
बता दें कि इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी इजरायल का दौरा कर चुके है. बाइडेन 18 अक्टूबर को इजरायल के तेल अवीव पहुंचे थे, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की थी. इस दौरान राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि आतंकवादी संगठन हमास ने 13 सौ से ज्यादा लोगों की हत्या की है, इनमें 31 अमेरिका के भी नागरिक शामिल हैं. हमास ने बच्चों समेत कई लोगों को बंधक बना लिया है. उसने आईएसआईएस जैसे अत्याचार किए हैं
उधर, इजरालय की सेना ने हमासे के कब्जे वाले गाजा पट्टी के मुख्य शहर को चारो तरफ से घेर लिया है. अरब नेताओं द्वारा लगातार बढ़ाए जा रहे है दबाव के इतर इजरायल ने अपनी जमीनी अभियान जारी रखा हुआ है. हालांकि, इस अभियान के दौरान गुरुवार को 17 इजरायली सैनिकों की मौत हो गई, जिसमें एक भारतीय मूल का सैनिक भी शामिल था.
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