Benjamin Netanyahu: इजरायल के PM बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार (18 जनवरी) को घोषणा की कि हमास की ओर से बंधकों की सूची इजरायल को नहीं सौंपी गई है जिसकी वजह से सीजफायर को लागू करने में देरी हो रही है.
नई दिल्ली: हमास और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष में एक नया मोड़ सामने आया है, जब हमास ने अब तक उन बंधकों की सूची इजरायल को नहीं सौंपी, जिनकी रिहाई की वह प्रतिबद्धता दिखा चुका है। इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने 19 जनवरी की सुबह एक बयान जारी कर इस मामले की जानकारी दी। बयान में बताया गया कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रातभर एक उच्च-स्तरीय सुरक्षा बैठक की, जिसमें बंधकों की सूची की अनुपस्थिति में संघर्षविराम को लागू करने की प्रक्रिया पर चर्चा की गई।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने स्पष्ट किया कि जब तक हमास बंधकों की पूरी सूची नहीं देता, जिनकी रिहाई की उसने प्रतिबद्धता जताई है, तब तक युद्धविराम लागू नहीं होगा। जानकारी के अनुसार, यह संघर्षविराम सुबह 8:30 बजे से प्रभावी होने वाला था, लेकिन प्रधानमंत्री ने इसे तुरंत रोकने का आदेश दिया, यह कहते हुए कि इजरायल की सुरक्षा और बंधकों की रिहाई प्राथमिकता है।
इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) को भी प्रधानमंत्री ने कड़े निर्देश दिए हैं कि तब तक युद्धविराम लागू न किया जाए, जब तक हमास अपनी ओर से बंधकों की पूरी सूची प्रदान नहीं करता। उन्होंने यह भी कहा कि हमास को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और इसे केवल बातचीत का हिस्सा बनाकर नहीं टाला जा सकता।
इस घटनाक्रम ने इजरायल और हमास के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है और संघर्षविराम के मुद्दे पर अनिश्चितता से क्षेत्रीय स्थिरता को झटका लगा है। इजरायल ने यह स्पष्ट किया है कि उनकी प्राथमिकता अपने नागरिकों और सैनिकों की सुरक्षा है, जबकि हमास ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस गतिरोध से शांति वार्ता और क्षेत्रीय संतुलन पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि हमास इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है और इस संकट का समाधान किस तरह निकलता है।
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