इजराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन ग्विर ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अजान देने पर रोक लगाने का निर्देश जारी किया है. इस आदेश के तहत पुलिस को मस्जिदों से लाउडस्पीकर उपकरण जब्त करने और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने का निर्देश दिया गया है. इजराइल द्वारा उठाए गए इस कदम को भारत में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और राज ठाकरे से जोड़कर देखा जा रहा है.
नई दिल्ली: इजराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन ग्विर ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अजान देने पर रोक लगाने का निर्देश जारी किया है. इस आदेश के तहत पुलिस को मस्जिदों से लाउडस्पीकर उपकरण जब्त करने और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने का निर्देश दिया गया है. इजराइल द्वारा उठाए गए इस कदम को भारत में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और राज ठाकरे से जोड़कर देखा जा रहा है.
बेन ग्विर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि यह कदम “मस्जिदों से उत्पन्न होने वाले अनावश्यक शोर को खत्म करना है, जो इजरायली निवासियों के लिए परेशानी का कारण बन रहा था.वहीं उन्होंने दावा किया कि यह नीति नागरिकों की शांति सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है.
बेन ग्विर ने एक वीडियो बयान में कहा, “जिस तरह यूरोप और अरब देशों में मस्जिदों में शोर को नियंत्रित किया गया है, वैसा ही इज़राइल में भी होगा। यह फैसला आम जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उनके कार्यालय ने इस कदम का समर्थन करते हुए कहा कि यह नियम कई पश्चिमी और अरब देशों में पहले से ही लागू है और अब इसे इज़राइल में भी लागू किया जा रहा है।
फ़िलिस्तीनी राष्ट्रीय परिषद ने इस कदम की निंदा करते हुए इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया है। उन्होंने इसे मस्जिदों पर ‘हमला’ और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया. काउंसिल ने एक बयान जारी कर कहा, ‘यह कदम पवित्र स्थलों पर हमला और नस्लवाद को बढ़ावा देने का प्रयास है।
फ़िलिस्तीनी नेताओं ने आरोप लगाया कि यह नीति वहां के मुसलमानों और फ़िलिस्तीनियों को हाशिये पर धकेलने का एक प्रयास है। इजरायली विपक्षी नेताओं ने इस फैसले को खतरनाक बताया. डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य गिलाद कारिव ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा इस नीति से देश में तनाव बढ़ सकता है और इजराइल की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है.
वहीं, अमेरिका स्थित काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशन्स (CAIR) ने इस फैसले को ‘इस्लाम और ईसाई धर्म पर हमला’ करार दिया है. सीएआईआर के राष्ट्रीय कार्यकारी निदेशक निहाद अवाद ने मुस्लिम देशों से इजराइल के खिलाफ सामूहिक कार्रवाई करने की अपील की. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से इस नीति की निंदा करने और इजराइल को हथियारों की आपूर्ति रोकने की भी मांग की. वहीं इस फैसले से कई मुस्लिम देशों में गहरा असंतोष फैल गया है.
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