ईरान की शतरंज खिलाड़ी को स्पेन ने दी नागरिकता, प्रतियोगिता में हिजाब न पहनने पर मिल रही थीं धमकियां

नई दिल्ली। ईरान की शतरंज खिलाड़ी सारा खादेम ने स्पेन जाने के बाद एक न्यूज़ पेपर को इंटरव्यू दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे पर्दे में रहना या हिज़ाब पहनना अच्छा नहीं लगता, इसीलिए मैंने हिज़ाब न पहनने का फैसला किया है. ईरानी शतरंज खिलाड़ी जो दुनिया भर में सारा खादेम (SARA KHADEM) के […]

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ईरान की शतरंज खिलाड़ी को स्पेन ने दी नागरिकता, प्रतियोगिता में हिजाब न पहनने पर मिल रही थीं धमकियां

Vaibhav Mishra

  • July 27, 2023 7:36 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली। ईरान की शतरंज खिलाड़ी सारा खादेम ने स्पेन जाने के बाद एक न्यूज़ पेपर को इंटरव्यू दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे पर्दे में रहना या हिज़ाब पहनना अच्छा नहीं लगता, इसीलिए मैंने हिज़ाब न पहनने का फैसला किया है. ईरानी शतरंज खिलाड़ी जो दुनिया भर में सारा खादेम (SARA KHADEM) के नाम से प्रसिद्ध हैं, उन्होंने बीते दिसंबर में कजाकिस्तान में एक प्रतियोगिया में बिना हिजाब के खेला था. ईरान की सरकार ने इसका पूर्ण रूप से विरोध किया था. उसी समय सारा खादेम सत्ता के इस विरोध से बचने के लिए स्पेन चली गयी थीं.

गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था

इसके बाद ईरान पुलिस ने सारा के खिलाफ गिरफ़्तारी का वारंट भी जारी किया था. स्पेन की सरकार ने ईरानी शतरंज खिलाड़ी सारा खादेम को स्पेनिश नागरिकता प्रदान की इस बात की पुष्टि खुद स्पेन की सरकार ने की है. सारा खादेम ने कजाकिस्तान में आयोजित हुए फिडे वर्ल्ड रैपिड और ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप में ईरान के कठिन इस्लामिक ड्रेस कोड को तोड़े बिना हेडस्कार्फ के हिस्सा लिया जिसको ईरान में महिलाओं को पहनना अनिवार्य हैं.

कैसे मिली स्पेन की नागरिकता?

स्पेन के अधिकारिक राज्य पत्रिका ने न्याय मंत्री पिलर लोप के हवाले से बताया कि कैबिनेट ने मंगलवार यानी 25 जुलाई को सारा खादेम का जो मामला हैं वह विशेष हैं. विशेष परिस्थियों को ध्यान में रखते हुए सारा खादेम को स्पेनिश नागरिकता की मंज़ूरी दी गई है.

जानिए आख़िर क्या है विवाद?

सारा खादेम भी उन एथलीटों में से ही एक है, जिन एथलीटों ने अन्तर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान पर्दा करने और हिजाब नहीं पहनने का फैसला लिया था. जब सितम्बर 2022 में महसा अमिनी (22 वर्षीय ) की पुलिस हिरासत में मौत हो गयी थी, जिसके बाद ईरान में विरोध प्रदर्शन और तेज़ हो गए थे. 26 वर्षीय सारा खादेम ने बताया कि उसने अपने देश के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन के दौरान आंदोलन के लिए जो भी काम किए उन पर सारा को कोई भी अफ़सोस नहीं है.

आखिर मैं पर्दे में क्यों रहूं?

सारा खादेम ने स्पेन में एल पेस न्यूज़ पेपर इंटरव्यू के दौरान कहा कि मैं पर्दे में नहीं रह सकती हूं. मुझे पर्दे में अच्छा महसूस नहीं होता है. वहीं जनवरी में स्पेन जाने के बाद सारा खादेम ने स्पेन के पीएम पेड्रो सांचेज़ के साथ शतरंज का खेल खेला और इसी के साथ पीएम से मुलाकात भी की. एक रिटायर्ड शतरंज रेफरी शोहरेह बयारत ने इसी साल जनवरी में द नेशनल को बताया कि ईरान विदेश में खेलने वाली महिलाओं पर हिजाब पहनने के लिए बुरी रणनीति बनाता है. ईरान साइबर सेना के साथ मिलकर खिलाड़ियों पर हमला करता है और उनके परिवारों पर दबाव बनाता है.

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