नई दिल्ली: पाकिस्तान इन दिनों कई समस्याओं से जूझ रहा है। एक तरफ आर्थिक संकट के चलते पाकिस्तान में लोग सड़कों पर उतर आए हैं, वहीं दूसरी तरफ ईरान ने भी उसे धमकी दी है। दरअसल, ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन परियोजना में हो रही देरी को लेकर ईरान ने पाकिस्तान को अंतिम चेतावनी दी है कि वह सीमा पर अपने हिस्से की गैस पाइपलाइन को पूरा करे वरना अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के जोखिम के साथ-साथ पाकिस्तान को अरबों डॉलर का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
अमेरिका ने ईरान पर लंबे समय से प्रतिबंध लगा रखे हैं, जिसका असर इस सौदे पर पड़ा है। ईरान और पाकिस्तान के बीच इस परियोजना के लिए 2010 में सौदा हुआ था, जिसके तहत यह तय हुआ था कि ईरान पाकिस्तान को हर दिन 75 से 100 करोड़ फीट प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करेगा। इसके लिए पाइपलाइन बिछाने की समय सीमा 2014 तय की गई थी। दोनों देशों के बीच यह सौदा 25 साल के लिए हुआ था।
ईरान ने कहा है कि उसने पाइपलाइन के 1,150 किलोमीटर लंबे हिस्से के निर्माण में 2 बिलियन डॉलर का निवेश किया है, जिसका उद्घाटन 2013 में हुआ था। मौजूदा स्थिति पाकिस्तान के लिए एक कुआं और पीछे खाई की तरह हो गई है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कंगाल पाकिस्तान ईरान के साथ व्यापार करने के मुद्दे पर अमेरिका की नाराजगी से बचना चाहता है और वह अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारी जुर्माने से बचने का रास्ता भी तलाश रहा है।
दूसरी ओर, अमेरिका अपने फैसले पर अड़ा हुआ है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि वे ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों को जारी रखेंगे। मिलर ने कहा, “हम ईरान के साथ व्यापार सौदे पर विचार करने वाले किसी भी व्यक्ति को उन सौदों के संभावित परिणामों के बारे में जागरूक रहने की सलाह देते हैं।”
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