नई दिल्ली : 16 सितंबर को महसा अमीनी की हिरासत में हुई मौत ने ईरान समेत पूरे विश्व में हिजाब विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया. इस प्रदर्शन में अब तक कई लोग मारे गए हैं. मंगलवार को एक रिवॉल्यूशनरी गार्ड के जनरल द्वारा ये जानकारी दी गई है. हैरान कर देने वाले आंकड़े गार्ड ने […]
नई दिल्ली : 16 सितंबर को महसा अमीनी की हिरासत में हुई मौत ने ईरान समेत पूरे विश्व में हिजाब विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया. इस प्रदर्शन में अब तक कई लोग मारे गए हैं. मंगलवार को एक रिवॉल्यूशनरी गार्ड के जनरल द्वारा ये जानकारी दी गई है.
गार्ड ने बताया है कि महसा अमीनी की मौत से जुड़े प्रदर्शन से देश में सभी लोग प्रभावित हुए हैं. ताजा आंकड़ों के अनुसार देश में इस घटना के बाद लगभग 300 लोग शहीद हुए. निराश कर देने वाली बात ये है कि इन लोगों में बच्चे भी शामिल हैं. एयरोस्पेस डिविज़न के हेड ऑफ गार्ड ब्रिगेडियर जनरल अमीराली हजीज़ादेह द्वारा एक वीडियो में ये जानकारी दी है है. उन्होंने ये जानकारी मेहर न्यूज़ एजेंसी के लिए जारी की है.
आंकड़ों के अनुसार मरने वालों में ना केवल प्रदर्शनकारी बल्कि कई पुलिस कर्मी और सैनिक भी शामिल हैं. झड़प में मारे जाने वालों में झड़प में मारे गए या हत्या किए गए हथियारबंद गुटों के लोग भी हैं. ईरान के ओस्लो-आधारित मानवाधिकार समूह द्वारा दिए गए ताजा आंकड़ें और भी हैरान करते हैं. इन आंकड़ों में मृतकों की संख्या 416 बताई गई थी. दरअसल इसमें विरोध प्रदर्शनों के अलावा, दक्षिणीपूर्वी सिस्तान-बलूचिस्तान जिले में हुए प्रदर्शनों में मारे गए लोगों की संख्या को भी शामिल किया गया है.
हिजाब को लेकर 22 वर्षीय ईरानी लड़की महसा अमीनी की कस्टोरियल मौत ने अब पूरे देश की महिलाओं के अंदर हिजाब कानून के खिलाफ चिंगारी भर दी है. पुलिस की हिरासत के दौरान रहस्यमयी तरीके से हुई महिला की मौत से ईरान की कई महिलाएं इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं. कभी बाल काटकर तो कभी अपने हिजाब जलाकर ईरान में लोग अपना विरोध दर्ज़ करवा रहे हैं. बीते दिनों बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन करते हुए अपनी जान भी गंवाई.
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