पाकिस्तानी नौसेना के सेवानिवृत्त कमोडोर ओबैदुल्ला ने एक निजी चैनल पर चर्चा के दौरान कहा कि पाकिस्तानी नौसेना के पास पहले से ही जवाबी परमाणु हमला करने की क्षमता है।
नई दिल्ली। पाकिस्तान अपनी नौसेना को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है। पड़ोसी मुल्क का मुख्य फोकस परमाणु पनडुब्बियों के विकास पर है। पाकिस्तानी नौसेना के एक पूर्व अधिकारी ने दावा किया है कि पाकिस्तान 2028 तक परमाणु पनडुब्बियों वाले देशों की सूची में शामिल हो सकता है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी होगी या परमाणु ऊर्जा से चलने वाली हमलावर पनडुब्बी।
पाकिस्तानी नौसेना के सेवानिवृत्त कमोडोर अबदुल्ला ने एक निजी चैनल पर चर्चा के दौरान कहा कि पाकिस्तानी नौसेना के पास पहले से ही जवाबी परमाणु हमला करने की क्षमता है। इससे पाकिस्तान उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास यह सामरिक शक्ति है। फिलहाल भारत समेत सिर्फ 7 देशों के पास यह क्षमता है।
जवाबी परमाणु हमले की क्षमता किसी देश की रक्षा रणनीति का अहम हिस्सा मानी जाती है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना होता है कि अगर किसी देश की प्राथमिक परमाणु शक्ति को नुकसान पहुंचता है, तो भी वह जवाबी कार्रवाई कर सके।
ओबैदुल्ला ने बताया कि पाकिस्तान ने चीन के साथ 8 उन्नत पनडुब्बियों के निर्माण के लिए समझौता किया है। इनमें से 4 पनडुब्बियां पाकिस्तान में बन रही हैं, जबकि बाकी 4 चीन में तैयार हो रही हैं। इन पनडुब्बियों को अत्याधुनिक उपकरणों और तकनीक से लैस किया गया है। उन्होंने कहा कि ये नई पनडुब्बियां भारतीय नौसेना के लिए चुनौती बन सकती हैं।
चर्चा के दौरान भारतीय नौसेना की ताकत को स्वीकार करते हुए अबदुल्ला ने कहा कि आजादी के समय पाकिस्तान और भारत की नौसेना का अनुपात 1:4 था। वर्तमान में यह बढ़कर 1:5 हो गया है। उन्होंने यह भी माना कि पाकिस्तान भारत की तरह अपनी नौसेना पर बहुत ज्यादा खर्च नहीं कर सकता।
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