नई दिल्ली: भारत की सबसे धीमी ट्रेन के बारे में जानकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे. खास बात यह है कि ये ट्रेन प्रतिदिन संचालित होती है और इस पर यात्री भी सफर करते हैं। भारतीय रेल के बारे में यात्रियों की दिलचस्पी रहती है क्योंकि भारतीय रेल को भारत की लाइफलाइन माना जाता […]
नई दिल्ली: भारत की सबसे धीमी ट्रेन के बारे में जानकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे. खास बात यह है कि ये ट्रेन प्रतिदिन संचालित होती है और इस पर यात्री भी सफर करते हैं।
भारतीय रेल के बारे में यात्रियों की दिलचस्पी रहती है क्योंकि भारतीय रेल को भारत की लाइफलाइन माना जाता है. हर दिन कई लोग भारतीय रेल से सफर करते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि भारत की सबसे धीमी गति से चलने वाली ट्रेन कौन सी है।
खास बात यह है कि भारत की सबसे धीमी ट्रेन जो यूनेस्को की विश्व धरोहर में भी शामिल है. लेकिन धीमी गति से चलने के बाद भी यह ट्रेन लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. दरअसल, भारत की सबसे धीमी गति से चलने वाली ट्रेन जो “मेट्टूपालयम ऊटी नीलगिरी पैसेंजर ट्रेन” के नाम से जाना जाता है. यह ट्रेन 326 मीटर की ऊंचाई से 2203 मीटर तक की ऊंचाई तक का सफर तय करती है. नीलगिरी पर्वतीय रेलवे के तहत आने वाली यह ट्रेन 5 घंटों में 46 किलोमीटर की दूरी तय करती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक यह ट्रेन फर्स्ट और सेकंड क्लास की सुविधाओं से लैस है. यह ट्रेन कुन्नूर, केटी, लवडेल, अरवंकाडु और वेलिंगटन स्टेशनों से होकर गुजरती है. वहीं इस 46 किलोमीटर की यात्रा के दौरान 100 से अधिक पुल और कई सुरंग भी मिलेंगी. खास बात यह है कि मेट्टूपालयम और कुन्नूर के बीच का रास्ता सबसे सुंदर है. यह इतना सुंदर इसीलिए है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र के यूनेस्को ने इसे 2005 में वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा दिया था। इस ट्रेन में यात्रा करने वाले लोग प्राकृतिक स्थलों का आनंद लेने के लिए इसमें बैठते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक नीलगिरी पर्वतीय रेलवे का निर्माण साल 1891 में प्रारंभ हुआ था और इसे बनने में पूरे 17 सालों का समय लगा. तभी से अब तक यह ट्रेन मेट्टूपालयम से ऊटी रेलवे स्टेशन के बीच प्रतिदिन चलती है. इस ट्रेन में आपको फर्स्ट क्लास के टिकट के लिए 545 रुपए और सेकंड क्लास की टिकट के लिए 270 रुपए लगते हैं।
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