नई दिल्ली : सोमवार को आए 2 भयंकर भूकंप और उसके बाद के झटकों और तबाही में तुर्की-सीरिया में मरने वालों का आंकड़ा दस हजार के करीब पहुंच चुका है। अब तक दोनों देशों से 9500 से ज्यादा शवों को बरामद किया जा चुका है। अभी भी विश्व भर की राहत एजेंसियां मलबे से लोगों […]
नई दिल्ली : सोमवार को आए 2 भयंकर भूकंप और उसके बाद के झटकों और तबाही में तुर्की-सीरिया में मरने वालों का आंकड़ा दस हजार के करीब पहुंच चुका है। अब तक दोनों देशों से 9500 से ज्यादा शवों को बरामद किया जा चुका है। अभी भी विश्व भर की राहत एजेंसियां मलबे से लोगों को निकालने में लगी हुई है.
भारत ने ऑपरेशन दोस्त के तहत भूकंप से प्रभावित तुर्की में मलबे के नीचे दबे लोगों को निकालने के लिए 4 सदस्यीय डॉग स्क्वॉयड भेजा है। इस स्क्वायड में जूली, रोमियो, हनी और रेम्बो शामिल हैं जो सूंघने और बचाव कार्य में प्रशिक्षित लैब्राडोर हैं. ये मलबे के नीचे दबे इंसानों को सूंघकर उन्हें निकालने में सहायता करते हैं. एनडीआरएफ की 2 अलग-अलग टीमों के साथ इन्हें मंगलवार को तुर्की के लिए रवाना किया गया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मेक्सिको ने भी अपने बचाव और राहत कार्यों के लिए मशहूर डॉग स्क्वायड को भूकंप प्रभावित तुर्की में मलबे के नीचे दबे इंसानों की तलाश में मदद करने के लिए भेजा है. 16 सदस्यीय डॉग स्क्वायड के साथ एक विमान ने मंगलवार को मेक्सिको सिटी से उड़ान भरी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मैक्सिको के डॉग स्क्वायड में शामिल फ्रीडा को 2017 में तब अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली थी, जब उसे सुरक्षात्मक चश्मे और जूते पहने हुए मेक्सिको सिटी में भूकंप के बाद मलबों में जिंदा बचे लोगों की खोज करते देखा गया था. मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि फ्रीडा ने तब 12 लोगों की जान बचाई थी और 40 शव बरामद करवाए थे.
भूकंप से प्रभावित सीरिया को भारत ने 6 टन से अधिक राहत सामग्री सौंपी जिसमें जरूरी दवाएं और चिकित्सा उपकरण शामिल है. राहत सामग्री की खेप मंगलवार रात को सैन्य परिवहन हवाई जहाज सी-130J के जरिये भेजी गयी थी .भारत के प्रभारी अधिकारी एस के यादव ने इसे सीरियाई अधिकारियों को सौंप दिया.
भारत विनाशकारी भूकंप के मद्देनजर पहले ही तुर्की को राहत सामग्री भेज चुका है. मंगलवार को चार सी-17 ग्लोबमास्टर सैन्य परिवहन विमानों के जरिये राहत सामग्री के तहत एक चलित अस्पताल और तलाश एवं बचाव कार्य विशेषज्ञ दल को भेजा गया था.
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