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Indian Student In Ukraine Army : लंबाई के कारण भारतीय सेना ने ठुकराया, यूक्रेन के लिए सेना में भर्ती हुआ भारतीय छात्र

Indian Student In Ukraine Army  नई दिल्ली, Indian Student In Ukraine Army  रूस से अपनी आज़ादी के लिए संघर्ष कर रहे यूक्रेन में नागरिक भी जंग लड़ने के लिए मैदान में उतर रहे हैं. सिर्फ यूक्रेन के नागरिक ही इसमें शामिल नहीं हैं. बल्कि और देशों के वह नागरिक भी इस दौरान यूक्रेन की मदद […]

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Indian Student In Ukraine Army : लंबाई के कारण भारतीय सेना ने ठुकराया, यूक्रेन के लिए सेना में भर्ती हुआ भारतीय छात्र
  • March 8, 2022 5:27 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

Indian Student In Ukraine Army 

नई दिल्ली, Indian Student In Ukraine Army  रूस से अपनी आज़ादी के लिए संघर्ष कर रहे यूक्रेन में नागरिक भी जंग लड़ने के लिए मैदान में उतर रहे हैं. सिर्फ यूक्रेन के नागरिक ही इसमें शामिल नहीं हैं. बल्कि और देशों के वह नागरिक भी इस दौरान यूक्रेन की मदद कर रहे हैं जो वहां रह रहे हैं.

यूक्रिने के लिए लड़ रहा ये भारतीय छात्र

यूक्रेन से इस बीच कई तरह की कहानियां सामने आ रही हैं. इन्हीं कहानियों में से एक कहानी उस भारतीय छात्र की है जो यूक्रेन की गरिमा के लिए लड़ने यूक्रेनियन सेना में भर्ती हो गया. इस बात का दवा यूक्रेन की मीडिया ने यूक्रेनी सेना के हवाले से किया है. ख़बरों की मानें तो अमेरिका, ब्रिटेन, स्वीडन और भारत जैसे देशों के नागरिक भी अब यूक्रेन की रक्षा के लिए आगे आ रहे हैं.

भारतीय सेना में आना चाहता था छात्र

इसी बीच भारत का 21 साल का छात्र सैनिकेश रविचंद्रन भी अपना योगदान यूक्रेन की सेना में दे रहा है. वह अब यूक्रेनी पैरामिलिट्री फोर्सेज का हिस्सा है. अधिकारीयों के मुताबिक जब उसके घर का दौरा किया गया तो पता चला की रविचंद्र लम्बे समय से भारतीय सेना के लिए आवेदन कर रहा है. लेकिन हर बार उसे उसकी लंबाई के कारण रिजेक्ट कर दिया गया. यूक्रेन के खारकीव शहर में वह साल 2018 में पढ़ाई करने पहुंचा था. जहां उसका कोर्स इसी वर्ष समाप्त भी होने वाला था. पर इसी बीच यूक्रेन पर रूस ने हमला कर दिया.

16 हजार से अधिक विदेशी आये सेना में

जानकारी के अनुसार पिछले हफ्ते यूक्रेन और जेलेंस्की के लिए अपना समर्थन दिखने वाले करीब 16 हजार से अधिक विदेशियों ने यूक्रेन की इस लड़ाई में उनका साथ दिया है. रूसी युद्ध अपराधियों के लिए ये नागरिक भी अब कंधे से कंधा मिला कर खड़े हैं.

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