नई दिल्ली : शनिवार को भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें वार्षिक सत्र में संबोधन दिया. अपने इस संबोधन में विदेश मंत्री ने पिछले 75 वर्षों में भारत के आर्थिक विकास को सराहा. उन्होंने उपनिवेशवाद के बाद से भारत के दुनिया की 5वी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने तक के […]
नई दिल्ली : शनिवार को भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें वार्षिक सत्र में संबोधन दिया. अपने इस संबोधन में विदेश मंत्री ने पिछले 75 वर्षों में भारत के आर्थिक विकास को सराहा. उन्होंने उपनिवेशवाद के बाद से भारत के दुनिया की 5वी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने तक के सफर को दुनिया के सामने रखा.
In the 18th century, India accounted for about a quarter of global GDP. By the middle of 20th century, colonialism ensured that we're one of the poorest nations, but in the 75th year of Independence, India stands before you proudly* as the 5th biggest economy in the world: EAM
— ANI (@ANI) September 24, 2022
UN के 77वें वार्षिक सत्र के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “18वीं शताब्दी के दौरान भारत ग्लोबल जीजीपी का एक चौथाई हिस्सा था. 20वीं सदी के मध्य तक, उपनिवेशवाद ने सुनिश्चित किया कि भारत सबसे गरीब देशों में से एक हो जाए. आजादी के 75 वर्ष बाद भारत सामने दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में खड़ा है.”
जयशंकर आगे कहते हैं कि, “डिजिटल तकनीक ने हाल ही के दिनों में खाद्य सुरक्षा जाल को उन्नत किया है. 300 अरब डॉलर से अधिक का लाभ डिजिटल रूप से वितरित हुआ है, 400 मिलियन से अधिक लोग को नियमित रूप से भोजन दिया जाता है और भारत ने अब तक 2 अरब से अधिक वैक्सीन लगाने का रिकॉर्ड भी पूरा किया है. साल 2047 तक भारत का एक विकसित देश बनने का लक्ष्य है.”
इसके अलावा विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र और उसके चार्टर में भारत के विश्वास की बात भी की. विदेश मंत्री जयशंकर ने आगे कहा, “भारत हमेशा से ग्रह का उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करने के लिए यूएन के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत करने को लेकर प्रतिबद्ध रहा है. भारत को संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के सिद्धांतों पर पूरा भरोसा है. हम दुनिया को एक परिवार के रूप में देखते हैं. हम विकास को सार्वजनिक हित मानते हैं और ओपन सोर्सिंग आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका है. इस मामले में वैश्विक ज्ञान को एकत्रित करके संयुक्त राष्ट्र एसडीजी को आगे बढ़ाने में बड़ा मददगार साबित हो सकता है.”
Russia-Ukraine War: पीएम मोदी ने पुतिन को ऐसा क्या कह दिया कि गदगद हो गया अमेरिका
Raju Srivastava: अपने पीछे इतने करोड़ की संपत्ति छोड़ गए कॉमेडी किंग राजू श्रीवास्तव