नई दिल्ली. विदेश में रह रहे भारतीयों ने रेमिटेंस के मामले में एक बार फिर से रिकार्ड तोड़ा है और लगभग 9 लाख करोड़ रुपये भारत भेजा है. यह राशि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा लगाई गई राशि से दो गुना है.
भारतीयों ने 2023-24 में अलग अलग देशों से 8.95 लाख करोड़ रुपये भारत भेजा है. रेमिटेंस के रुप में भेजी गई रकम वह राशि होती है जो विदेशों में मेहनत करके भारतीय कमाते हैं और अपने घर परिवार के लिए पैसा भारत भेजते हैं. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा भारत में इस अवधि में 4.51 लाख करोड़ रुपये निवेश किये गये. यूएन माइग्रेशन एजेंसी, विश्व बैंक और आरबीआई के मुताबिक ये लगातार दूसरा साल है जब भारतीयों ने 100 अरब डॉलर से ज्यादा की रकम भारत भेजी. 2023 के मुकाबले राशि में 7.5 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है.
देश की जरुरतों को पूरा करने की खातिर आयात के लिए विदेशी मुद्रा की जरूरत होती है. रेमिटेंस विदेशी मुद्रा अर्जित करने और निम्न व मध्यम आय वाले देशों के लिए घरेलू आय का एक बड़ा सोर्स है. भारत में खाड़ी देशों के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन व कनाडा जैसे विकसित देशों से रेमिटेंस आता है.
आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक रेमिटेंस के मामले में भारतीयों के लिए सबसे मुफीद देश अमेरिका है. 23 फीसद रकम वहीं से आई है जबकि 17 फीसद के साथ खाड़ी देश दूसरे नंबर पर हैं. काफी संख्या में कुशल व अर्ध कुशल मजदूर खाड़ी देशों में जाते हैं. अन्य देशों के निवासी भी विदेशों से पैसा कमाकर अपने देश में भेजते हैं. भारत के बाद मैक्सिको के निवासियों ने विदेशों से अपने देश में 5.53 लाख करोड़ अपने देश में भेजे. भारत के अलावा टॉप फाइव में चीन, फिलिपींस और पाकिस्तान भी शामिल हैं.
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