नई दिल्ली, रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला कई तरह के वैश्विक गठबंधनों में बदलाव लाने वाली घटना थी. जहां यह भारत की स्थिति को लेकर सबसे चिंताजनक दौर रहा. भारत जिसे रूस का अच्छा दोस्त माना जाता है वहीं यूक्रेन का समर्थन करने वाले अमेरिका से भी भारत की नज़दीकियां है. इसी बीच रूस पर […]
नई दिल्ली, रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला कई तरह के वैश्विक गठबंधनों में बदलाव लाने वाली घटना थी. जहां यह भारत की स्थिति को लेकर सबसे चिंताजनक दौर रहा. भारत जिसे रूस का अच्छा दोस्त माना जाता है वहीं यूक्रेन का समर्थन करने वाले अमेरिका से भी भारत की नज़दीकियां है. इसी बीच रूस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों के बाद यह आशंका जताई जा रही थी कि अमेरिका और भारत के बीच रिश्तों में खटास आ जाएगी, असल में ऐसा नहीं हुआ. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने हाल ही में भारत और अमेरिका के रिश्तों पर बड़ा बयान दिया है.
राष्ट्रपति बाइडन ने हाल ही में जो बयान दिया है उसमें उन्होंने भारत के साथ रिश्तो पर कहा, भारत के साथ अमेरिका के रिश्ते बहुत अच्छे हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति दो बार भारत का दौरा कर चुके हैं. उनके शब्दों में, ‘मैं दो बार भारत का दौरा कर चुका हूं और आगे एक बार फिर जाऊंगा. भारत के साथ हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं.’ बता दें, बाइडन से पहले अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने भी भारत और अमेरिका के बीच संबंधों पर बयान दिया था.
उन्होंने कहा था कि भारतीय भागीदारों के साथ कई दौर की चर्चा की है. सभी मुद्दों पर चर्चा करने के बाद हमारा यही मानना है कि हर देश का रूस के साथ अलग संबंध है. भारत और रूस के बीच रिश्तों पर उन्होंने बताया, ‘रूस के साथ भारत के संबंध कई दशकों के दौरान विकसित हुए हैं. उस समय अमेरिका भारत के साथ साझेदारी के लिए तैयार नहीं था.’
मई महीने में भारतीय तेल रिफाइनरियों ने रूस से लगभग 2.5 करोड़ बैरल तेल खरीदा है. जो कि भारत के कुल तेल आयात का 16 प्रतिशत से भी अधिक है. वहीं अप्रैल महीने में पहली बार समुद्र के रास्ते भी भारत में रूस के तेल की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत रही. इस समय भारत रूस के कच्चे तेल पर भारी छूट का फायदा उठा रहा है. बता दें, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं.
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