नई दिल्ली: भारत सरकार कनाडा में बैठे खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ लगातार सबूत देती रही है मगर कनाडा सरकार उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही. वहीं कनाडा के प्रधानमंत्री भारत के ऊपर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं. अब भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि कनाडा सरकार ने भारत सरकार को कोई […]
नई दिल्ली: भारत सरकार कनाडा में बैठे खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ लगातार सबूत देती रही है मगर कनाडा सरकार उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही. वहीं कनाडा के प्रधानमंत्री भारत के ऊपर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं. अब भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि कनाडा सरकार ने भारत सरकार को कोई सबूत नहीं दिया जिसके आधार पर उनके आरोपो को सही माना जाता. अब भारत ने भी कमर कस ली है, भारत सरकार और जांच एजेंसी अपने स्तर पर कनाडा और दुनिया के अलग-अलग देश में बैठे खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार है.
पिछले 1 साल की बात करे तो अलग-अलग खालिस्तानी आतंकियों की प्रॉपर्टी को सीज करने का काम तेजी से हो रहा है. बता दें पिछले साल 23 सितंबर को NIA ने चंडीगढ़ में पतवंत सिंह पन्नू की एक प्रॉपर्टी को अनलॉफुल एक्टिविटी प्रीवेंशन एक्ट की धारा 33(5) के अतर्गत सीज करने का काम किया.ऐसी ही कार्रवाई पन्नू के अमृतसर की संपत्ति पर भी की गई. वहीं इसी तरीके की कार्रवाई हरदीप सिंह निज्जर की संपत्ति पर भी की गई थी.
NIA ने इस साल मार्च महीने में खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के आतंकी हरविंदर सिंह की संपत्ति को सीज किया. वहीं अप्रैल में एनआईए ने भगोड़े खालिस्तानी आतंकी रमनदीप सिंह की फिरोजपुर जिले में स्थित एक संपत्ति को कोर्ट के आदेश पर सीज किया था. NIA ने दो और खालिस्तानी आतंकी हबीब खान और लखबीर सिंह के फजलका स्थित संपत्ति को भी एनडीपीएस की धाराओं के अंतर्गत सीज किया है.
भारत सरकार कूटनीतिक तौर पर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बना रही है. वहीं दूसरी तरफ देश में इन आतंकियों के नेटवर्क पर वार कर रही है. बता दें ये दोनों काम नियम और कानून के दायरे में रहकर किए जा रहे हैं.
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