नई दिल्ली। अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास के कर्मचारियों पर हमले से भारत काफी खफा है। जिसके बाद अब संभावना जताई जा रही है कि भारत, तालिबान को लेकर अपने रुख को और सख्त करेगा। इससे तालिबान की उन उम्मीदों को बड़ा झटका लगेगा जिसमें वह भारत से मान्यता पाने की आश लगाए बैठा है।
मालूम हो कि भारत ने अभी तक तालिबान को भले ही मान्यता नहीं दी हो लेकिन भारत समय-समय पर अफगानी लोगों को गेंहू और दवाएं समेत मानवीय सहायता करता रहा है। भारत सरकार का स्टैंड है कि अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन की वजह से वहां के लोगों की मदद करना नहीं छोड़ना चाहिए। यही वजह है कि भारत समय-समय पर सहायता भेजता रहता है।
बता दें कि इससे पहले अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास के कर्मचारियों पर बड़ा हमला हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जलालाबाद में भारतीय दूतावास के लिए काम करने वाले अफगानी कर्मचारियों पर मंगलवार की देर शाम अज्ञात बंदूकधारियों ने हमला कर दिया। इस हमले में तीन लोगों की मौत हो गई है, वहीं एक कर्मचारी घायल है।
अफगानिस्तान के जलालाबाद में स्थित वाणिज्य दूतावास को भारत ने साल 2020 में सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया था। अब यहां पर अफगानिस्तानी नागरिकों की एक छोटी सी टीम दूतावास के कामकाज को संभालती है। बताया जा रहा है कि बंदूकधारियों के हमले में कोई भी भारतीय मरा या घायल नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में जब पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी का शासन था, उस वक्त भारत ने वहां पर कई प्रोजेक्ट्स में लाखों डॉलर का निवेश किया था। लेकिन जब साल 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबा आया, उसके बाद भारत ने सभी वाणिज्य दूतावासों को बंद कर दिया। अब सिर्फ काबुल में स्थित दूतावास में ही भारतीय कर्मचारी काम करते हैं।
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