भारत सरकार ने शेख हसीना का वीजा बढ़ा दिया है। हालांकि भारत सरकार ने उन्हें कोई शरण नहीं दी है। भारत सरकार के इस कदम से बांगलादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस को मिर्च जरूर लगी है।
नई दिल्ली। बांग्लादेश में निर्वासित पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की वापसी की मांग तेज हो रही है। ट्रिब्यूनल कोर्ट ने शेख हसीना और अन्य आरोपियों को 12 फरवरी तक कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है। वहां की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द कर दिया है। इस बीच भारत सरकार शेख हसीना के लिए बड़ा कदम उठाया है। भारत सरकार ने शेख हसीना का वीजा बढ़ा दिया है। सूत्रों के मुताबिक उनका वीजा आगे के लिए बढ़ा दिया गया है, ताकि वह भारत में पहले कि तरह रह सकें। हालांकि भारत सरकार ने उन्हें कोई शरण नहीं दी है। भारत सरकार के इस कदम से बांगलादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस को मिर्च जरूर लगी है।
6 जनवरी को हुई सुनवाई में ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना और अन्य आरोपियों को 12 फरवरी तक गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने का आदेश दिया है। आरोपियों में हसीना के रक्षा सलाहकार मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) तारिक अहमद सिद्दीकी, पूर्व पुलिस प्रमुख बेनजीर अहमद और पूर्व एनटीएमसी प्रमुख जियाउल अहसन शामिल हैं।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और 96 अन्य लोगों के पासपोर्ट रद्द कर दिए हैं। स्थानीय मीडिया के अनुसार, जुलाई में हुए विद्रोह के दौरान हिंसा, मौतों और जबरन गायब होने में संलिप्तता के कारण यह कदम उठाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, रद्द किए गए पासपोर्ट वाले लोगों में से 22 जबरन गायब होने के मामलों से संबंधित थे, जबकि शेख हसीना समेत 75 लोग जुलाई में हुई हिंसा से जुड़े बताए जा रहे हैं। इस हिंसा में कई लोगों की मौत हुई थी।
आपको बता दें अगस्त 2024 में बांग्लादेश में छात्र आंदोलन उग्र होने के बाद शेख हसीना देश छोड़कर भारत आ गई थीं। बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद वहां अंतरिम सरकार बनी, जिसके मुखिया मोहम्मद यूनुस चुने गए।
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