नई दिल्ली। भारत ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर पाकिस्तानी की टिप्पणियों पर तगड़ा पलटवार किया है। पाकिस्तान की बातों को सिरे से खारिज करते हुए उसे पहले अपने गिरेबान में झांकने की सलाह दी है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान को हमारे आंतरिक मामलों में टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दूसरों को उपदेश देशों से पहले खुद के यहां देखें कि अल्पसंख्यकों के अधिकारों की कितनी रक्षा कर रहे हैं। उनके खिलाफ हो रहे अत्याचार का रिकॉर्ड भी देखना चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम भारत की संसद द्वारा पारित वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर पाकिस्तान द्वारा की गई निराधार टिप्पणियों को दृढ़ता से खारिज करते हैं। पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामले पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की बात आने पर दूसरों को उपदेश देने के बजाय पाकिस्तान को अपना खराब रिकॉर्ड देखना चाहिए।
विदेश मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान द्वारा वक्फ कानून में भारत के बदलावों की निंदा करने के कुछ दिनों बाद आई है। उन्होंने आरोप लगाया था कि संशोधित वक्फ कानून भारतीय मुसलमानों के धार्मिक और आर्थिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। शफकत अली खान ने कहा कि इस भेदभावपूर्ण कानून का पारित होना भारत में बढ़ते बहुसंख्यकवाद को भी दर्शाता है। इस बात की गंभीर आशंका है कि यह भारतीय मुसलमानों को और हाशिए पर धकेलने में योगदान देगा।