MH 60 Romeo Anti-Submarine Helicopters: भारत ने अमेरिका से 24 MH-60 रोमियो एंटी सबमरीन हेलीकॉप्टर खरीदने की इच्छा जताई है. अगर यह डील होती है तो भारत के फ्रांस और रूस से रक्षा सौदों से नाराज चल रहे अमेरिका को साधने में मदद तो मिलेगी ही साथ ही भारतीय नौसेना की समुद्र में ताकत बढ़ेगी और हिंद महासागर में चीन के आक्रामक रुख को कम करने में भी यह मददगार होगी.
वॉशिंगटनः MH 60 Romeo Anti-Submarine Helicopters: फ्रांस से राफेल विमान और रूस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की डील के बाद अब भारत की नजर दुनिया के सबसे एडवांस कहे जाने वाले हेलीकॉप्टर MH-60 रोमियो एंटी-सबमरीन पर है. भारत ने अमेरिका के समक्ष 24 हेलीकॉप्टर खरीदने की इच्छा जाहिर की है. इसका कुल खर्च करीब 2 अरब डॉलर (करीब 14 हजार करोड़ रुपये) आएगा. रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम डील के बाद अमेरिका की नाराजगी को साधने में यह डील भारत के पक्ष में रहेगी. भारतीय नौसेना को मजबूत करते हुए यह डील हिंद महासागर में चीन के आक्रामक रुख को साधने में भी मददगार होगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से इन MH-60 रोमियो एडवांस हेलीकॉप्टर्स को खरीदने के लिए अमेरिका को 13,500 करोड़ रुपये का ‘लेटर ऑफ रिक्वेस्ट’ भेजा गया है. फिलहाल अमेरिका की ओर से अभी इस डील को आगे बढ़ाने के संबंध में कोई बयान जारी नहीं किया गया है लेकिन माना जा रहा है कि यह डील इस साल के अंत तक फाइनल हो सकती है. अगर ऐसा होता है तो 2020 से 2024 तक 24 रोमियो एंटी-सबमरीन हेलीकॉप्टर्स भारतीय नौसेना के जंगी बेड़े की ताकत बढ़ाएंगे. साथ ही श्रीलंका, मालदीव जैसे हमारे पड़ोसी देशों के सहारे चीन के हिंद महासागर में लगातार दखल देने की कोशिशों को भी नाकाम करने में मददगार साबित होंगे.
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बताते चलें कि MH-60 रोमियो हेलीकॉप्टर की यह डील भारत सरकार से अमेरिकी सरकार के बीच होगी. अमेरिका की शिकोर्स्की-लोकहीड मार्टिन MH-60 हेलीकॉप्टर की मेकर कंपनी है. इसकी बिक्री अमेरिका की विदेश मिलिट्री सेल्स प्रोग्राम का हिस्सा है. रोमियो हेलीकॉप्टर को दुनिया का सबसे एडवांस हेलीकॉप्टर इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह टोरपीडो जैसे हथियार और एंटी-सबमरीन मिसाइल सहित अन्य उपकरणों से लैस है. यह किसी भी सबमरीन को पानी के भीतर ही ध्वस्त करने में माहिर है. वर्तमान में यह हेलीकॉप्टर सिर्फ यूएस के ही पास हैं. सूत्रों की मानें तो भारत इस तरह के 123 हेलीकॉप्टर देश में बनाने की भी योजना बना रहा है. पिछले कुछ वर्षों से अमेरिका भारत को रूस से ज्यादा सैन्य उपकरणों की आपूर्ति कर रहा है.