श्रीलंका नई दिल्ली, श्रीलंका इस समय अपनी अब तक की सबसे बुरी आर्थिक तंगी को झेल रहा है. देश में इस समय त्राहि-त्राहि का माहौल है. लोग आर्थिक नीतियों के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही अन्न समेत सभी मिनिमम ज़रूरियात की चीज़ें आसमान छू रही हैं. इसी बीच वहां के पूर्व पीएम का […]
नई दिल्ली, श्रीलंका इस समय अपनी अब तक की सबसे बुरी आर्थिक तंगी को झेल रहा है. देश में इस समय त्राहि-त्राहि का माहौल है. लोग आर्थिक नीतियों के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही अन्न समेत सभी मिनिमम ज़रूरियात की चीज़ें आसमान छू रही हैं. इसी बीच वहां के पूर्व पीएम का बयान सामने आया है.
श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने देश में बन रही आर्थिक संकट की स्थितियों को लेकर देश में मौजूदा सरकार पर नाकामयाबी के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा, ‘मौजूदा सरकार वित्तीय चुनौतियों से निपटने में अक्षम रही. सरकार की असफलता ने ऐसी स्थिति खड़ी कर दी है जिससे लोग आज कतारों में खड़े हैं.’ उन्होंने आगे कहा कि पहले इन ज़रुरत की चीज़ों को खरीदने के लिए कोई भी कतार नहीं थी. उन्होंने सरकार की नाकामयाबी पर अपना समय याद किया और कहा जब वह 2019 में पीएम थे तब देश की अर्थव्यवस्था पूंजी अधिशेष स्वस्थ थी और ये स्थिति नहीं थी.
आगे भी इसी तरह के आर्थिक संकट होने के प्रश्न पर वह कहते हैं, मुझे नहीं लगता की सरकार के पास अब कोई शेष संसाधन बचे हैं. वह बिलों का भुगतान करने के लिए भी बिलों का भुगतान करने के लिए प्रमुख निर्यात कंपनियों से उधार लेने की इच्छा रखते हैं. जहाँ पड़ोसी देश भारत मई के दूसरे सप्ताह तक ही उधार देगा. उन्होंने आगे कहा, भारत ने इस मुसीबत के समय में सबसे अधिक मदद दी है. इस गैर वित्तीय मदद के परिणामों को भी देखना होगा. साथ ही अपनी इस बातचीत में उन्होंने चीन द्वारा मदद न करने की भी बात कही.
उन्होंने आगे श्रीलंका में मौजूदा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, कि इस वक्त सरकार आर्थिक संकट को बिलकुल संभाल नहीं पा रही है. साल 2020 और 2021 में ही श्रीलंका की सरकार को आईएमएफ में जाने के सुझाव दिए गए थे जिसे नजरअंदाज करने का परिणाम आज सभी भुगत रहे हैं. अब इस महीने जल्द ही श्रीलंका सरकार वाशिंगटन डीसी में आईएमएफ से मिलने के लिए तैयार है.