मलेशिया में ग्रांडफादर वान दशकों से बंदरों को पौधों की कटाई का प्रशिक्षण दे रहे हैं. न केवल मलेशिया बल्कि आसपास प्रसिद्ध इस स्कूल में लोग बंदरों को प्रशिक्षण दिलाने के लिए भर्ती कराते हैं. इस खबर में पढ़िए अनोखे स्कूल के बारे में जहां इंसान नहीं बल्कि बंदर एडमीशन लेते हैं.
कुआलालम्पुरः आपने इंसानों को तो फलों की कटाई और खेती-बाड़ी से जुड़े काम करते देखा होगा लेकिन क्या आपको पता है बंदर भी इन सब में बड़े माहिर बोते हैं. मलेशिया के एक स्कूल में बंदरों को बड़े नारियल के पौधों की कटाई के लिए प्रशिक्षित और नियोजित किया जाता है. देश के उत्तर में बसे एक गांव में रहने वाले ग्रांडफादर वान पिछले चार दशकों से हजारों बंदरों को इस तरह का प्रशिक्षण दे चुके हैं.
देश भर से लोग मैकाक (बंदरों) को प्रशिक्षित करने के लिए इस स्कूल में भेजते हैं जिसके बदले में उन्हें कुछ फीस चुकानी होती है. जहां उन्हें पतली चेनों से बांधकर रखा जाता है और खजूर के पेड़ों पर चढ़ना और नारियल तोड़ने का प्रशिक्षण दिया जाता है. ग्रांडफादर वान का कहना है कि जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाले समूहों ने इसका विरोध करते हुए क्रूर प्रक्रिया करार दिया था लेकिन उनका कहना है कि वह बंदरों से दयालुता से ही पेश आते हैं.
उनका कहना है कि ये मैकाक बिल्कुल मेरे बच्चों की तरह हैं. वह दक्षिणी मैकाक्स, मध्यम आकार के बंदरों को प्रशिक्षित करते हैं जो कि मलेशिया, इंडोनेशिया और दक्षिणी थाईलैण्ड के कुछ हिस्सों में पाया जाता है.
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