Advertisement

इस देश में मृत पूर्वजों को कब्र से निकाल उन्हें पहनाते हैं नए कपड़े

नई दिल्ली : दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग परंपराएं हैं। इंडोनेशिया की यह अजीब परंपरा पूरी दुनिया को हैरान कर रही है। जहां हमारे देश में हर साल प्रियजनों की याद में जरूरतमंदों को भोजन कराया जाता है, वहीं दक्षिण सुलावेसी में एक ऐसा समुदाय है जो अपने मृतक रिश्तेदारों को अजीबोगरीब तरीके से […]

Advertisement
इस देश में मृत पूर्वजों को कब्र से निकाल उन्हें पहनाते हैं नए कपड़े
  • September 13, 2024 9:56 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली : दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग परंपराएं हैं। इंडोनेशिया की यह अजीब परंपरा पूरी दुनिया को हैरान कर रही है। जहां हमारे देश में हर साल प्रियजनों की याद में जरूरतमंदों को भोजन कराया जाता है, वहीं दक्षिण सुलावेसी में एक ऐसा समुदाय है जो अपने मृतक रिश्तेदारों को अजीबोगरीब तरीके से याद करता है।

तोराजा जनजाति के बारे में सब कुछ - तमन सफारी बाली

इंडोनेशिया के दक्षिण सुलावेसी के पहाड़ी इलाके में रहने वाली तोराजा जनजाति मृतकों के शवों को ममी बना देती है और संरक्षित शवों की ऐसे देखभाल करती है जैसे कि वे अभी जीवित हों। इस जनजाति के लोगों का मानना ​​है कि मृत्यु के बाद आत्मा घर में ही रहती है, इसलिए शवों को भोजन, कपड़े, पानी देने के अलावा वे उन्हें धूम्रपान करने के लिए सिगरेट भी देते हैं।

 भैंस और सूअर की बलि

 

Visit Tana Toraja Tour, Toraja Trip with Local Toraja Tour Guide

तोराजा जनजाति में शव को रोजाना खाना खिलाने और घर के अलग कमरे में आराम से लिटाकर रखने की प्रथा है। ऐसा तब तक किया जाता है जब तक कि परिवार उचित अंतिम संस्कार का खर्च वहन करने में सक्षम न हो जाए। क्योंकि, इस दौरान भैंस से लेकर सूअर तक की बलि दी जाती है। वहीं, जनजाति में जिस व्यक्ति के पास जितना पैसा होता है, उतने ही जानवरों की बलि दी जाती है। तोराजा लोगों का मानना ​​है कि शव को देर से दफनाने से शोक प्रक्रिया में भी मदद मिलती है।

 

मृतकों को भी जीवित आत्मा मानते हैं।

 

An Indonesian Tradition Of Digging Up Dead Relatives For A Spirited  Afterlife Ritual

हालांकि, ऐसा नहीं है कि यहां के लोग कब्र में दफनाने के बाद मृतकों को भूल जाते हैं। हर साल यहां एक अनोखी रस्म निभाई जाती है, जिसे मानेने कहते हैं। यह एक तरह का अंतिम संस्कार समारोह है, जो फसल बोने से पहले अगस्त के महीने में मनाया जाता है। इसके तहत तोराजा लोग अपने मृत पूर्वजों को कब्र से निकालकर साफ करते हैं। फिर उन्हें नए कपड़े पहनाते हैं। इसके बाद वे उनसे जिंदा इंसानों की तरह बात करते हैं और जश्न मनाते हैं। वे उन्हें खाना खिलाते हैं और यहां तक ​​कि उन्हें सिगरेट भी पीने के लिए देते हैं। फिर उन्हें वापस दफना देते हैं। तोराजा के लोग मृतकों को भी जीवित आत्मा मानते हैं।

 

यह भी पढ़ें :-

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन आखिरीबार करेंगे क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी

 

Advertisement