नई दिल्ली: म्यांमार में साल 2021 में जनता द्वारा चुनी गई सरकार को हटा कर सेना ने आपातकाल लगा दिया था. इसके बाद सेना के खिलाफ लोग सड़कों पर आ गए. सेना ने उन पर एयरस्ट्राइक किया. अभी तक तक़रीबन 16 लाख लोग म्यांमार से विस्थापित हो चुके हैं. सेना ने एक बार फिर से […]
नई दिल्ली: म्यांमार में साल 2021 में जनता द्वारा चुनी गई सरकार को हटा कर सेना ने आपातकाल लगा दिया था. इसके बाद सेना के खिलाफ लोग सड़कों पर आ गए. सेना ने उन पर एयरस्ट्राइक किया. अभी तक तक़रीबन 16 लाख लोग म्यांमार से विस्थापित हो चुके हैं. सेना ने एक बार फिर से म्यांमार में 6 माह के लिए आपातकाल की अवधि बढ़ाने की घोषणा की है. अमेरिका ने इस पर अपनी नाराजगी जाहिर की है.
साल 2021 में जबसे सेना ने म्यामांर में तख्तापलट किया है, तबसे म्यांमार में आपातकाल लागू है. अब सेना ने फिर एक बार से आपातकाल को 6 महीने बढ़ाने का फैसला किया है. अमेरिका ने आपातकाल की अवधि बढ़ाने को लेकर सेना पर अपनी नाराजगी जाहिर की है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने सेना पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ‘अमेरिका म्यांमार में सेना के शासन द्वारा आपातकाल बढ़ाए जाने से चिंतित है. म्यांमार में सैन्य शासन ने देश को हिंसा की आग में धकेल दिया है.
म्यांमार साल 2021 से आपातकाल लगने के बाद से हिंसा की आग में झुलस रहा है. सेना द्वारा तख्तापलट के बाद सेना के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए. सेना ने अपने नागरिकों के ऊपर एयरस्ट्राइक किया, कई घरों में आग लगवा दिया जिसके कारण 16 लाख लोग म्यांमार से विस्थापितों का जीवन जीने को मजबूर हैं. ऐसे में एक बार फिर सेना द्वारा आपातकाल की अवधि बढ़ा देने से म्यांमार में हिंसा का संकट और गहरा गया है.
म्यांमार में सेना ने तख्तापलट करने के बाद से ही वहां की नेता आंग सान सू की के साथ अन्य वरिष्ट नेताओं को कैद कर लिया. सू की को बाद में कोर्ट द्वारा कई मामलों में 33 साल जेल की सजा सुनाई गई है.
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