Toshakhana case: जेल में बनेगा Imran Khan का New year? अयोग्य ठहराने की याचिका पर होगी सुनवाई

नई दिल्ली : पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान एक बार फिर मुसीबतों में फंस गए हैं. तोशखाना मामले को लेकर अब इमरान खान की अयोग्यता के संबंध में दलीलों की सुनवाई के लिए लाहौर हाई कोर्ट ने एक पीठ का गठन किया है. द न्यूज इंटरनेशनल के मुताबिक, जस्टिस भट्टी […]

Advertisement
Toshakhana case: जेल में बनेगा Imran Khan का New year? अयोग्य ठहराने की याचिका पर होगी सुनवाई

Riya Kumari

  • December 24, 2022 10:49 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान एक बार फिर मुसीबतों में फंस गए हैं. तोशखाना मामले को लेकर अब इमरान खान की अयोग्यता के संबंध में दलीलों की सुनवाई के लिए लाहौर हाई कोर्ट ने एक पीठ का गठन किया है. द न्यूज इंटरनेशनल के मुताबिक, जस्टिस भट्टी तीन जजों की बेंच का नेतृत्व करेंगे जिसमें जस्टिस आबिद अजीज शेख और जस्टिस साजिद महमूद सेठी भी सदस्य होंगे. LHC की यह तीन सदस्यीय पीठ 9 जनवरी को मामले में सुनवाई करेगी.

बेंच करेगी सुनवाई

मालूम हो इससे पहले तोशखाना मामले में लाहौर हाई कोर्ट जज ने प्रधान न्यायाधीश से पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की अयोग्यता के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करने के लिए पीठ का गठन करने के लिए कहा था. इमरान खान के ख़िलाफ ये याचिका एक नागरिक जाबिर अब्बास द्वारा दायर की गई थी. याची ने अपनी याचिका में कहा कि पाकिस्तान का चुनाव आयोग (ईसीपी) एक अदालत नहीं है. यह किसी सांसद को अयोग्य नहीं ठहरा सकता है. बता दें, ईसीपी ने तोशखाना मामले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान को अपने फैसले में अयोग्य घोषित कर दिया था. इसके बाद 11 नवंबर को जस्टिस सेठी ने याचिकाओं पर एक बड़ी बेंच के गठन का प्रस्ताव दिया था।

क्या है तोशाखाना मामला?

तोशाखाना कैबिनेट का एक विभाग है, जहाँ अन्य देशों की सरकारों, राष्ट्रप्रमुखों और विदेशी मेहमानों द्वारा दिए गए बेशकीमती उपहारों को सहेज कर रखा जाता है, नियमों के मुताबिक, किसी दूसरे देशों के प्रमुखों या गणमान्य लोगों से मिले उपहारों को तोशाखाना में ही रखा जाता है.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान साल 2018 में पीएम बने थे, उस समय उन्हें अरब देशों की यात्राओं के दौरान वहां के शासकों से महंगे तोहफे मिले थे, साथ ही उन्हें कई यूरोपीय देशों के राष्ट्रप्रमुखों से भी बेशकीमती गिफ्ट मिले थे, जिन्हें इमरान ने तोशाखाना में जमा करवा दिया था, लेकिन फिर बाद में इमरान खान ने तोशाखाना से इन्हें सस्ते दामों पर खरीदा और बड़े मुनाफे में बेच दिया. इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार ने बकायदा इजाज़त भी दी थी.

तवांग: हमारे वीर जवानों ने की जमकर पिटाई…अपनी सीमा की ओर भागते नजर आए चीनी सैनिक, देखें वीडियो

TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने सरकार पर साधा निशाना, आंकड़े ग‍िना कर पूछा- ‘असली पप्पू’ कौन है?

Advertisement