Imran Khan on Nuclear War: पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा हटाने के मद्देनजर उनका देश न तो पहले परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा और न ही भारत के खिलाफ कोई सैन्य कार्रवाई की पहल करेगा. हालांकि उन्होंने कहा कि वो जम्मू और कश्मीर के निवासियों के लिए आवाज उठाते रहेंगे.
नई दिल्ली. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को कहा कि उनका देश न तो पहले परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा और न ही जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जा हचाने के मद्देनजर भारत के खिलाफ कोई सैन्य कार्रवाई करेगा. उन्होंने कहा, हम दोनों परमाणु हथियार संपन्न देश हैं. अगर ये तनाव बढ़ता है, तो दुनिया खतरे में पड़ सकती है. इमरान खान ने लाहौर में गवर्नर हाउस में आयोजित पहले अंतर्राष्ट्रीय सिख सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा.
उन्होंने कहा कि हमारी तरफ से युद्ध का पहले कोई विचार या घोषणा नहीं होगी. इमरान खान ने कहा: मुझे विश्वास नहीं है कि युद्ध किसी भी समस्या को हल कर सकता है. जो कोई यह सोचता है वो समझदार नहीं है. उन्होंने विश्व इतिहास नहीं पढ़ा है. यदि आप युद्ध छेड़कर एक समस्या को हल करते हैं, तो आप चार और बनाते हैं. हर कोई जिसने युद्ध लड़कर समस्याओं को हल करने की कोशिश की है, जीत में भी हार गया है. एक देश को युद्ध से हुए नुकसान से उबरने में कई साल लग जाते हैं. हालांकि, खान ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के निवासियों के लिए अपनी आवाज उठाते रहेंगे.
उन्होंने कहा, उनमें कोई भी मानवता नहीं है जो कश्मीर में मौजूदा स्थिति को बर्दाश्त कर सकता है. हम कभी भी यह स्वीकार नहीं कर सकते कि आप 27 दिनों के लिए लॉकडाउन के तहत आठ मिलियन लोगों को रखें और सभी संचार काट दें. मैंने अपनी आवाज उठाई होती, भले ही वे (कश्मीरी) गैर-मुस्लिम होते. उन्होंने सिख समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए ये कहा.
इमरान खान ने दोहराया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक अधिनायकवादी और जातिवादी विचारधारा का अनुसरण कर रहा था जो किसी भी धर्म की शिक्षाओं के खिलाफ था. उन्होंने कहा, जिस दिशा में आरएसएस भारत को ले जा रहा है, उसमें किसी भी अल्पसंख्यक के लिए कोई जगह नहीं है. भारत में अभी मुसलमानों के साथ जो कुछ भी हो रहा है वह यहीं नहीं रुकेगा. अगर उन्हें (भाजपा सरकार को) रोका नहीं गया, तो वे दलितों के पीछे आएंगे; उन्होंने कहा कि एक दिन वो सिखों के पीछे भी आएंगे.