नई दिल्ली। पाकिस्तान में 8 फरवरी से आम चुनाव शुरू हो चुके हैं लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। क्योंकि वो जेल में बंद हैं। बता दें कि इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) का चुनाव चिन्ह ‘बल्ला’ भी छीन दिया गया है। फिलहाल, रावलपिंडी के अडियाला जेल में […]
नई दिल्ली। पाकिस्तान में 8 फरवरी से आम चुनाव शुरू हो चुके हैं लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। क्योंकि वो जेल में बंद हैं। बता दें कि इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) का चुनाव चिन्ह ‘बल्ला’ भी छीन दिया गया है। फिलहाल, रावलपिंडी के अडियाला जेल में बंद इमरान खान का भविष्य बिल्कुल अंधकारमय दिखाई दे रहा है। यही नहीं,पाकिस्तान के सियासी हलकों में इमरान खान को फांसी होने की चर्चाएं हो रही हैं।
बता दें कि इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ करीब 150 मुकदमे चल रहे हैं। जिसमें से सबसे गंभीर मामला मई 2023 का बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, अल कादरी ट्रस्ट करप्शन केस में जब इमरान खान की गिरफ्तारी हुई तब उनके समर्थकों ने काफी तोड़फोड़ की। इतना ही नहीं उन्होंने सरकारी बिल्डिंग और दफ्तरों में आग लगा दी। इमरान के समर्थकों ने पाकिस्तानी सेना के बेस पर भी हमला बोला। साथ ही रावलपिंडी स्थित हेड क्वार्टर पर हमला किया।
दरअसल, 9 मई 2023 की इस हिंसा में इमरान खान समेत 100 लोग आरोपी पाए गए हैं। इन सब के खिलाफ आतंकवाद से लेकर अलग-अलग धाराओं में मुकदमा चल रहा है। इसके साथ ही इमरान खान पर पाकिस्तान के विरुद्ध हथियार उठाने, युद्ध छेड़ने जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज है। वहीं पाकिस्तान आर्मी एक्ट (Pakistan Army) के सेक्शन 59 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति अगर पाकिस्तान के खिलाफ हथियार उठाता है या पाकिस्तान आर्मी या सुरक्षा बलों पर हमला करता है तो उसे मौत की सजा हो सकती है।
गौरतलब है कि 9 मई की हिंसा का केस पाकिस्तानी मिलिट्री कोर्ट में चल रहा है। यहां सुनवाई के दौरान, तमाम चश्मदीद गवाहों ने इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ गवाही दी है और उन्हें इस हिंसा का मास्टरमाइंड बताया। हालांकि, पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मिलिट्री कोर्ट के फैसला सुनाने पर रोक लगा दी है लेकिन देर में ही सही लेकिन ये फैसला आना ही है।
वहीं, पाकिस्तान (Pakistan Politics) की राजनीति की समझ रखने वाले लोगों का कहना है कि जिस तरह इमरान (Imran Khan) ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ मोर्चा खोला है और आर्मी के आला अफसर उन्हें 9 मई की हिंसा का मास्टरमाइंड मानते हैं, ये बेहद गंभीर मामला है। ऐसे में यदि मिलिट्री कोर्ट इमरान खान को दोषी पाती है तो उन्हें फांसी हो सकती है।
इस मामले में इमरान खान ने अपने खिलाफ लगे तमाम आरोपों को मनगढ़ंत बताया और दावा किया है कि 9 मई की हिंसा उनकी पार्टी और उन्हें खत्म करने की एक साजिश है। इमरान खान का ये दावा है कि 9 मई की हिंसा की साजिश लंदन में हुई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पाकिस्तानी सेना के आला अफसर इस साजिश में शामिल हैं। पाकिस्तान आर्मी द्वारा नवाज शरीफ को सत्ता में वापस लाने के लिए ये डील की गई थी। इतना ही नहीं इमरान खान ने एक चौंकाने वाला दावा भी किया है कि अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू को बचाने के लिए ये सब हो रहा है।
बता दें कि इससे पहले भी कुल तीन मामलों में दोषी पाए जा चुके हैं। जिसके लिए उन्हें सजा भी सुनाई गई। इसमें पहला मामला तोशखाना केस का है, जिसमें इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को 14 साल कैद की सजा मिली है। जानकारी के अनुसार, इमरान और बुशरा को अगले 10 सालों के लिए किसी भी सार्वजनिक पद पर रहने से रोक दिया गया है और उन पर करीब 1,574 मिलियन रुपये का जुर्माना भी है।
वही दूसरा मामला साइफर केस का है, जिसमें इमरान खान को 10 साल की सजा सुनाई गई। इसमें इमरान के अलावा उनकी पार्टी के नेता शाह महमूद कुरैशी को भी दस साल की सज़ा सुनाई गई है। सुनाई गई है. इस केस में इमरान के अलावा उनकी पार्टी के नेता शाह महमूद कुरैशी को भी 10 साल की सजा हुई है।
जबकि तीसरा मामला ‘गैर-इस्लामिक निकाह’ का है। जिसमें इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को ‘गैर-इस्लामिक निकाह’ के मामले में दोषी पाया गया है, इसके लिए उन्हें सात साल की सज़ा सुनाई गई है।
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